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अंडरटेकिंग लेने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की उठी मांग

निजी स्कूल संचालकों द्वारा अंडरटेकिंग लेने का मुद्दा अमर उजाला ने उठाया है। 19 अप्रैल के अंक में मुख्य संस्करण में स्कूल संचालकों के जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के मुद्दे की खबर प्रकाशित की गई। इसके बाद प्रदेश स्तर पर अभिभावक संघ और सामाजिक संस्थाएं इसे लेकर सतर्क हो गए हैं।

स्कूल बस में हादसा होने पर अभिभावकों की जिम्मेदारी की अंडरटेकिंग लेने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावक लामबंद हो गए हैं। शुक्रवार को जिले के अभिभावक, विद्यार्थी और संस्थाओं के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने उपायुक्त उत्तम सिंह से मुलाकात कर ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की।

लघु सचिवालय में अधिवक्ता अंशुल चौधरी के नेतृत्व में अभिभावक उपायुक्त से मिले। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल सुविधाओं के नाम पर अभिभावकों से मोटी फीस वसूलते हैं। फिर उनके संस्थान या संसाधन में हादसा होता है तो अभिभावक इसके लिए कैसे जिम्मेदार हो सकता है। उन्होंने आईएएस या एचसीएस स्तर के अधिकारी की संयुक्त कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग की।

इधर, उपायुक्त ने फिलहाल जिला शिक्षा अधिकारी को जांच कराने के लिए निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के बाद उच्च स्तर के अधिकारी जांच करके कार्रवाई करेंगे।

निजी स्कूल संचालकों द्वारा अंडरटेकिंग लेने का मुद्दा अमर उजाला ने उठाया है। 19 अप्रैल के अंक में मुख्य संस्करण में स्कूल संचालकों के जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के मुद्दे की खबर प्रकाशित की गई। इसके बाद प्रदेश स्तर पर अभिभावक संघ और सामाजिक संस्थाएं इसे लेकर सतर्क हो गए हैं। अधिवक्ता अंशुल चौधरी का कहना है कि यदि विभाग ने कार्रवाई नहीं की तो वे मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से भी मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे।

प्रिंटिंग प्रेस से लिया था फोर्मेट, बदलेंगे फार्म : स्कूल
इधर, गुपचुप तरीके से अंडरटेकिंग लेने वाले एक प्ले वे स्कूल ने मामला उजागर होने के बाद प्रिंटिंग प्रेस की गलती बताई है। उनका दावा है कि प्रिंटिंग प्रेस की ओर से इस तरह की लाइन कई स्कूलों के दाखिला फार्म में छापी गई थी। हमने भी वहीं से इसे कॉपी किया है। स्कूल प्रिंसिपल और संचालक का कहना है कि स्कूल बस में हादसा होने पर जिम्मेदारी उन्हीं की है, लेकिन वे ये नहीं बता पाए कि इस लाइन को फिर उन्होंने क्यों लिखवाया है। हालांकि उनका कहना है कि इन दाखिला फार्म को वे बदलवाते हुए ये लाइन हटा देंगे।

छोटे फॉन्ट में लिखी है लाइन ताकि पता न चले
स्कूली वाहन में सड़क दुर्घटना होने के बाद अब स्कूल संचालकों पर दोष न लगे, इसलिए बचने का रास्ता भी निकालते हुए दाखिला फार्म में ही स्कूल के नियमों में एक लाइन जोड़कर अभिभावकों से इस संदर्भ में अंडरटेकिंग ली जा रही है। ताकि भविष्य में यदि हादसा होता है तो स्कूल संचालक इसी फार्म को अभिभावकों को दिखाते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ सकें। लिखा है कि ”मैं छात्रों के परिवहन के दौरान होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिए स्कूल अधिकारियों को जिम्मेदार नहीं ठहराऊंगा। भ्रमण के दौरान/स्कूल जाने या वापस आने के दौरान और यह पूरी तरह से मेरे अपने जोखिम और जिम्मेदारी पर है।”

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