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रोहतक के महामंडलेश्वर से अयोध्या में प्लॉट दिलाने के नाम पर से 30 लाख ठगे

आरोपी को 15 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था, 16 अप्रैल को अदालत में पेश कर सात दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया था। रोहतक स्थित गौकर्ण तीर्थ आश्रम के महामंडलेश्वर कपिलपुरी ने मुकदमा दर्ज कराया था।  बलिया के करण छपरा निवासी आरोपी से 11 लाख रुपये बरामद हुए हैं। 

अयोध्या में रोहतक के महामंडलेश्वर को प्लाॅट दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपये ठगने के आरोपी को पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसे सात दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। इस दौरान आरोपी ने 11 लाख रुपए भी बरामद कराए। बुधवार को अदालत ने आरोपी को रिमांड पूरा होने पर न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया।

प्रभारी थाना साइबर क्राइम निरीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि गौकर्ण तीर्थ आश्रम के महामंडलेश्वर कपिलपुरी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। महामंडलेश्वर को आश्रम बनाने के लिए अयोध्या में एक प्लाॅट की जरूरत थी। महामंडलेश्वर के जानकार महंत स्वामी विवेकानंदपुरी ने कहा कि अयोध्या में उसकी जानकारी है। उसे वहां प्लॉट दिलवा देगा।

स्वामी विवेकानंदपुरी ने सिद्धनाथ नामक संत से मोबाइल फोन पर बात कराई। सिद्धनाथ ने कहा कि उसकी जानकारी में अयोध्या में एक प्लाॅट है। यह राम मंदिर के नजदीक पड़ता है। जगह का ब्याना कराने के लिए 30 लाख रुपये लगेंगे। सिद्धनाथ ने कहा कि रुपये उसकी शिष्या कंचन कुमारी के खाते में जमा करा दें।

महामंडलेश्वर ने 30 लाख रुपये खाते में ट्रांसफर करने के बाद जमीन का विवरण मांगा तो एक-दो दिन में विवरण देने का जवाब मिला। इसके बाद वह टालमटोल करने लगा व मोबाइल फोन बंद कर लिया।

एएसआई दिनेश ने केस की जांच करते हुए 15 अप्रैल को आरोपी उत्तर प्रदेश के जिला बलिया के करण छपरा निवासी सिद्धनांथ उर्फ कृष्ण को गिरफ्तार किया। इसे 16 अप्रैल को अदालत में पेश कर सात दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। इस दौरान आरोपी से 11 लाख रुपये बरामद हुए। गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम छापा डाल रही है। इन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

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