हरियाणा और सीबीएसई बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षा परीक्षाओं का परिणाम जारी हो चुका है। 10वीं में हरियाणा बोर्ड का परिणाम 95.69 फीसदी रहा और सीबीएसई बोर्ड का परिणाम भी अच्छा रहा। वहीं, राजकीय स्कूलों में अबकी बार काफी विद्यार्थियों के थ्योरी में कम नंबर देखने को मिल रहे हैं और प्रैक्टिकल व असेसमेंट में ज्यादा।
विद्यार्थी थ्योरी, असेसमेंट और प्रैक्टिकल के नंबर जोड़कर उत्तीर्ण तो हो गए हैं, लेकिन उनके शिक्षा का स्तर कहीं न कहीं गिरा है। वहीं, शिक्षा विभाग ने परीक्षा परिणाम को अगले वर्ष में शत-प्रतिशत करने को इस सत्र से तैयारी शुरू कर दी है। विभाग 9वीं और 11वीं कक्षा की तैयारी करवाएगा ताकि वह विद्यार्थी 10वीं व 12वीं कक्षा में पहुंचने पर बेहतर परिणाम ला सकें।
ऑनलाइन से बदली पढ़ाई की प्रक्रिया
निजी स्कूलों में बेहतरीन परिणाम आने का कारण ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा देना भी बताया जा रहा है, क्योंकि कोरोना के बाद ऑनलाइन होने से पढ़ाई की प्रक्रिया बदल गई है। जहां पहले विद्यार्थी 2 बजे स्कूल से छुट्टी हो जाने पर स्कूलों के अध्यापकों से संपर्क में नहीं रहते थे, वहीं, अब विद्यार्थी स्कूल की छुट्टी के बाद कभी भी अध्यापकों से संपर्क कर रहे हैं और अपने डाउट भी क्लीयर कर रहे हैं। शहर के पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल प्रधानाचार्य डॉ. विकास कोहली ने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया से पढ़ाई काफी आसान हो गई है। वाट्सएप और एप के जरिए विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। जिससे परिणाम भी बढ़े हैं। अध्यापक स्कूल की छुट्टी के बाद भी विद्यार्थियों से संपर्क में रहते हैं। वह कभी भी अपने डाउट क्लीयर कर सकते हैं। विद्यार्थियों की थ्योरी को लेकर ज्यादा मेहनत करवाई जाती है। समय-समय पर अध्यापकों का प्रशिक्षण भी करवाया जाता है।
कोट्स
अबकी बार देखने में आया है कि कई विद्यार्थी थ्योरी में फेल हो गए, लेकिन बोर्ड ने उनको असेसमेंट और प्रैक्टिकल के अंक जोड़कर उत्तीर्ण कर दिया। थ्योरी में कम से कम 27 अंक लेने वाले विद्यार्थी के ही असेसमेंट व प्रैक्टिकल के अंक जुड़ने चाहिए। अगर बच्चा थ्योरी में फेल हो रहा है और असेसमेंट व प्रैक्टिकल के नंबर जोड़कर वह उत्तीर्ण हो गया तो उस बच्चे को उस विषय की बेसिक जानकारी नहीं है। बोर्ड ने कुछ वर्ष पहले भी इस पैटर्न पर अंक दिए थे। बीच में यह प्रक्रिया बंद हो गई थी। इस बार फिर यह प्रक्रिया शुरू हुई है। अगर बच्चे को थ्योरी की बेसिक जानकारी नहीं है तो यह अच्छा परिणाम सही नहीं है।
सुरेंद्र मोहन, सेवानिवृत बीईओ, शिक्षा विशेषज्ञ।
वर्जन
राजकीय स्कूलों में अबकी बार परिणाम अच्छा रहा है। 10वीं कक्षा का परिणाम 37 फीसदी बढ़ा है। 12वीं कक्षा में भी विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा दिखाई है। अगले वर्ष शत-प्रतिशत परिणाम लाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। राजकीय स्कूलों में 9वीं व 11वीं कक्षा की तैयारी पर विशेष जोर दिया जाएगा। जिससे आने वाले समय में 10वीं और 12वीं में परिणाम की प्रतिशतता बढ़ेगी।
सुरेश कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी, अंबाला।