जालंधर निवासी आरोपी विर्दी के खिलाफ ब्यूरो की तरफ से सरकारी अधिकारी होते हुए भ्रष्टाचार कर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक जायदाद जुटाने का केस दर्ज किया गया। जांच में सामने आया है कि एक अप्रैल 2007 से 11 सितंबर 2020 तक के समय के दौरान उसने कुल 5,12,51,688.37 रुपये खर्च किए थे, जबकि उसकी सभी स्रोतों से वास्तविक आय 2,08,84,863.37 रुपये थी।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने सूबे के जीएसटी जॉइंट डायरेक्टर भगोड़े बलबीर कुमार विर्दी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पटियाला में मुख्य राज्य कर विभाग में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात था। उसको जालंधर कोर्ट में पेश किया, जहां से दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
विजिलेंस ने बताया कि आरोपी बलवीर कुमार विर्दी और राज्य आबकारी विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी कुछ ट्रांसपोर्टरों और उद्योगपतियों के साथ मिलकर टैक्स की चोरी में शामिल थे। इस संबंध में 21 अगस्त 2020 को एसएएस नगर के थाना फ्लाइंग स्क्वॉड-1 में केस दर्ज किया गया था। इस दौरान विर्दी के खिलाफ गैरकानूनी ढंग से संपत्ति जुटाने संबंध में भी विजिलेंस ने जांच शुरू की थी।
विजिलेंस ने बताया कि जालंधर निवासी आरोपी विर्दी के खिलाफ ब्यूरो की तरफ से सरकारी अधिकारी होते हुए भ्रष्टाचार कर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक जायदाद जुटाने का केस दर्ज किया गया। जांच में सामने आया है कि एक अप्रैल 2007 से 11 सितंबर 2020 तक के समय के दौरान उसने कुल 5,12,51,688.37 रुपये खर्च किए थे, जबकि उसकी सभी स्रोतों से वास्तविक आय 2,08,84,863.37 रुपये थी। जांच के दौरान पाया गया कि अधिकारी ने चेक पीरियड के दौरान हुई आय से 3,03,66,825 रुपये अधिक खर्च किए जो उस की कुल आय से लगभग 145.40 प्रतिशत अधिक था।
इस मामले की गहनता से जांच से यह साबित हुआ कि आरोपी ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग कर वास्तविक आय की अपेक्षा अधिक चल और अचल संपत्ति बनाई है। इस संबंध में ब्यूरो विजिलेंस ने थाना जालंधर रेंज में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के अंतर्गत ब्यूरो के जालंधर रेंज में केस दर्ज किया था, जिसमें वीरवार को आरोपी को गिरफ्तार किया है। हाईकोर्ट ने आरोपी की इस मामले में 3 मई 2024 को अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज की थी। आरोपी ने वीरवार को हाईकोर्ट में सरेंडर किया, जहां से विजिलेंस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।