राज्यहरियाणा

दिल्ली जल संकट: दिल्ली सरकार के आरोपों को हरियाणा सरकार ने खारिज किया

हरियाणा सरकार ने कहा कि पानी की कोई कटौती नहीं की जा रही है। तय समझौते के तहत ही पानी दे रहे हैं। नसीहत देते हुए कहा कि जलप्रबंधन ढंग से करें।

दिल्ली सरकार के आरोपों को हरियाणा सरकार ने खारिज किया है। हरियाणा सरकार का कहना है कि वह दिल्ली को तय समझौते के तहत पानी दे रहे हैं। इसमें कोई कोताही नहीं की गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी ने कहा, पानी को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

यदि उन्हें कुछ कहना है तो रिकॉर्ड के साथ कोर्ट में कहे। हम कोर्ट में भी अपना जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को हरियाणा की तरफ से 719 क्यूसेक की बजाय एक हजार 49 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया जा रहा है जोकि उसके अधिकार क्षेत्र से ज्यादा है।

हरियाणा की भाजपा सरकार कभी किसी का पानी नहीं रोकती है और न ही ओछी हरकत करती है। पानी की तय मात्रा में कोई कटौती नहीं की है। पिछले दिनों केंद्र व दोनों राज्यों अधिकारियों की मौजूदगी में अपर यमुना रिवर बोर्ड की बैठक के दौरान दिल्ली के अधिकारियों ने माना था कि हरियाणा अपने हिस्से का पूरा पानी दे रहा है।

दिल्ली सरकार को आरोप लगाने से पहले सुप्रीम कोर्ट की बातों पर गौर करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि दिल्ली को पानी की बर्बादी रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए, लेकिन उस पर ध्यान देने के बजाय हरियाणा पर आरोप लगाए जा रहे। हरियाणा के पास भी पानी कम है, लेकिन सरकार ने बेहतर जलप्रबंधन कर सभी जिलों में पानी पहुंचाया जा रहा है। दिल्ली को हरियाणा से जलप्रबंधन सीखना चाहिए।

Related Articles

Back to top button