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हरियाणा : विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को भी टिकट मिलने की प्रबल संभावना

75 साल की उम्र पार करने पर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद को छोड़ने को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवाल का जवाब मिलने के बाद अब हरियाणा में भी 75 पार के नेताओं को टिकट की उम्मीद लगी है।

2019 के लोकसभा चुनाव के समय अमित शाह ने बयान दिया था कि 75 साल की उम्र पार कर चुके नेताओं को टिकट नहीं दी जाएगी, लेकिन बीते महीनों में मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में इस फार्मूले के उलट टिकट दी गई, नतीजा यह हुआ कि मध्य प्रदेश के सतना और रीवा में 75 साल की उम्र पार कर चुके प्रत्याशियों की जीत हुई। इसी फार्मूले पर चलते हुए हरियाणा में भी 75 साल की आयु पार कर चुके विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को भी टिकट मिलने की प्रबल संभावना है।

MP में इनकी हुई थी जीत
मध्यप्रदेश में 80 वर्षीय पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह नागोद ने सतना जिले के नागोद से जीत हासिल की थी। इसी प्रकार से 79 वर्षीय नागेंद्र सिंह रीवा जिले के गुढ़ से विजयी हुए थे। राजनीतिक पर्यवेक्षको का कहना है कि पिछली विधानसभा के सदस्य नागोद और सिंह दोनों ने लगभग पांच महीने पहले चुनाव लड़ने की अनिच्छा व्यक्त की थी।

14 में 11 प्रत्याशियों को मिली जीत
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से 70 साल से अधिक उम्र के 14 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा गया था। इनमें से 11 ने जीत हासिल की, जबकि सबसे अधिक आयु का विजेता उम्मीदवार 80 साल का है। मध्यप्रदेश में इनके अलावा 75 साल से ज्यादा उम्र वाले उम्मीदवारों में दमोह से जयंत मलैया (76), अशोक नगर जिले के चंदेरी से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी (75) वर्ष के हैं। नर्मदापुरम के होशंगाबाद से सीताशरण शर्मा (73), और अनुपपुर सीट से बिसाहूलाल सिंह (73) भी चुनाव जीत गए। 2023 के चुनावों में विधानसभा में पहुंचने वाले भाजपा के अन्य उम्र दराज नेताओं में राजगढ़ जिले के खिलचीपुर से हजारीलाल दांगी (72), नर्मदापुरम के सिवनी-मालवा से प्रेमशंकर वर्मा (72), शहडोल जिले के जैतपुर से जयसिंह मरावी (71) , सागर जिले के रहली से गोपाल भार्गव (71) और जबलपुर पाटन से अजय विश्नोई (71) भी शामिल हैं। हालांकि, श्योपुर सीट से दुर्गालाल विजय (71), बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन (71) और ग्वालियर पूर्व से माया सिंह (73) चुनाव हार गए।

बता दें कि 2016 में 76 वर्षीय सरताज सिंह को कथित तौर पर उम्र बढ़ने के कारण शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था। 78 वर्ष का होने के कारण उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट देने से भी इंकार कर दिया गया था।

गुप्ता कर चुके हैं कईं प्रयोग
हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता 75 वर्ष से अधिक आयु के हैं, लेकिन अपनी सक्रियता के चलते वह विधानसभा ने कई प्रकार के प्रयोग कर चुके हैं। उनकी ओर से विधानसभा सत्र की अवधि के अलावा प्रत्येक विधायक की ओर से एक महीने में तीन प्रश्न देने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस व्यवस्था का विधायकों की ओर से पूरा लाभ लिया जा रहा है। गुप्ता की ओर से विधान सभा सचिवालय में भी अनुशासन स्थापित करने के लिए कई प्रयोग किए जा चुके हैं।

इनमें बायोमेट्रिक उपस्थिति, मूवमेंट रजिस्टर, सभी कर्मचारियों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य करने जैसे प्रयोग प्रमुख हैं। सुरक्षा प्रहरी स्टाफ के लिए वे पहले ही ड्रेस अनिवार्य कर चुके हैं। कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ड्रेस लागू होने से विधान सभा की आबोहवा भी बदली है। ज्ञानचंद गुप्ता के नेतृत्व में विधान सभा के सचिवालय से लेकर सदन तक की कार्यप्रणाली में आमूलचूल सुधार हुए हैं। डिजीटलाइजेशन के दौर में विधान सभा की कार्य-प्रणाली को पेपरलैस किया जा चुका है। इससे न केवल कार्यप्रणाली त्वरित हुई, बल्कि उसमें पारदर्शिता भी आई।

केंद्र सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय की नेवा (नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन) परियोजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। यहां डिजीटल माध्यम से सदन की कार्यवाही चलाई जा रही है। हरियाणा विधान सभा ने अपने गठन के 56 वर्ष बाद पूरा कामकाज हिन्दी में शुरू किया है। 3 फरवरी 2023 को इस संबंध में आदेश जारी किए गए। इससे पहले विधान सभा का कामकाज अंग्रेजी भाषा में हो रहा था। गुप्ता का मानना है कि हिन्दी भाषी जनता के लिए अंग्रेजी में कानून बनाना संतोषजनक नहीं है। नए आदेशों के बाद विधान सभा सचिवालय में सभी प्रकार के फाइल कार्य, पत्राचार और विधायी कामकाज से संबंधित सभी प्रकार के कार्य हिन्दी भाषा में करने अनिवार्य कर दिए गए हैं।

लोकसभा चुनाव में दिया सकारात्मक परिणाम
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अंबाला से बीजेपी की प्रत्याशी पार्टी के कईं दिग्गज और बड़े नेताओं के विधानसभा क्षेत्र में जीत नहीं दर्ज कर पाई, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता की पंचकूला विधानसभा से वह जीत कर आई। इससे साफ है कि आज भी भले प्रदेश के कई हिस्सों में पार्टी सत्ता विरोधी लहर रही हो, लेकिन अपनी विधानसभा में ज्ञानचंद गुप्ता की मतदाताओं पर पकड़ पहले की ही तरह से बरकरार है, क्योंकि बीजेपी हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा कर रही है। ऐसे में पार्टी की ज्ञानचंद गुप्ता को नजरअंदाज नहीं कर पाएगी।

राजनाथ सिंह भी दे चुके हैं बयान
75 साल से अधिक आयु का होने के बाद नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मीडिया में बयान दिया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि 2014 में जब इसकी चर्चा थी, उस समय वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। सिंह का कहना था कि उस समय इस संबंध में कोई फैसला नहीं हुआ था और बीजेपी के संविधान में भी इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है कि जिसकी आयु 75 साल हो जाएगी वह चुनाव नहीं लड़ेगा, वह किसी दायित्व को नहीं ले सकता है, ऐसा कहीं कोई प्रश्न ही नहीं खड़ा होता है।

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