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कैंसर रोगियों के लिए रोहतक पीजीआई का सराहनीय कदम

लंग्स कैंसर फैलाने में सबसे अहम भूमिका एल्क जीन की होती है। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज में बीमारी तेजी से बढ़ती है। कैंसर के इलाज में प्रमुख मानी जाने वाली कीमोथैरेपी भी असर करना बंद कर देती है। इसके बाद मरीज का जीवन 5 से 9 माह तक ही रह जाता है।

इस दौरान मरीज को एएलके और आरओएसवन नाक की दवा की जरूरत होती है। ये दवा मिलने पर मरीज का जीवन 5 साल तक बचाया जा सकता है। लेकिन ये दवा अभी तक पीजीआई में नहीं थी। जरूरत पड़ने पर मरीज को बाहर से लाने के लिए कहा जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सरकार से अनुमति मिलने के बाद पीजीआई प्रशासन ने मुफ्त देने का फैसला लिया है।

इससे पीजीआई में आने वाले 500 में से 30 से 40 मरीजों को लाभ मिलेगा।

इस दवा प्राइवेट अस्पताल या मेडिकल स्टोर से लेने पर प्रतिमाह एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च करने पड़ते है। इस पर पीजीआईएमएस प्रशासन ने सरकार की अनुमति के बाद यह दवाइयां मरीजों को मुफ्त देने का फैसला लिया है।

इस संबंध में डॉ. ध्रुव चौधरी ने कहा कि पीजीआई में महंगी दवाइयां मरीजों को मुहैया कराने के लिए,प्रक्रिया चल रही है। यह जल्द पूरी होने की उम्मीद है। इसमें पीजीआईएमएस प्रशासन की तरफ से तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे मरीजों को लाभ मिलेगा।

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