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दिल्ली: शेल्टर होम में बड़े पैमाने पर टीबी होने पर हाईकोर्ट ने उठाया सवाल

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिए संचालित एक सरकारी आशा किरण आश्रय गृह में हाल के दिनों 14 लोगों की मौत महज संयोग नहीं हो सकता है। हाईकोर्ट ने आश्रय गृह के पानी की जांच करने और समाज कल्याण सचिव को एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने आश्रय गृह में बड़े पैमाने पर टीबी होने पर सवाल उठाया। पीठ ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को आश्रय गृह में पानी की गुणवत्ता के साथ-साथ पानी और सीवर पाइपलाइनों की स्थिति का परीक्षण करने और एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने समाज कल्याण विभाग के सचिव को 6 अगस्त को परिसर का दौरा करने का भी आदेश दिया। डीजेबी और समाज कल्याण विभाग के सचिव दोनों को अदालत में अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।

स्थिति को संभालने की जरूरत
पीठ ने कहा कि बहुत कम समय में इतनी ज्यादा मौतें। सिर्फ एक महीने में चौदह मौतें, यह कोई संयोग नहीं हो सकता। किसी आश्रय गृह में टीबी का इतना प्रकोप नहीं हो सकता। आज स्थिति को संभालने की जरूरत है। अगर हम कुछ लोगों की जान बचा सकते हैं तो हमें ऐसा करना चाहिए। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तत्काल उपचारात्मक उपाय किए जाने चाहिए। हम नहीं चाहते कि इस प्रक्रिया में लोगों को कष्ट उठाना पड़े।

ज्यादा लोग तो कुछ को स्थानांतरित करें : पीठ ने कहा कि यदि आश्रय गृह में लोग ज्यादा हैं तो अधिकारी इसे कम करेंगे और कुछ लोगों को दूसरे आश्रय गृह में स्थानांतरित करेंगे। जुलाई में आशा किरण में एक बच्चे सहित चौदह लोगों की मौत हो गई थी। कोर्ट ने मौतों की जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले को 7 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फरवरी से अब तक इस केंद्र में 25 कैदियों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में 980 मानसिक रूप से बीमार लोग रह रहे हैं, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

पानी का सैंपल सही, भोजन और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
रोहिणी स्थित आशा किरण होम में पानी की जांच के लिए सैंपल लिया गया था। उसकी रिपोर्ट उत्तर पश्चिम जिला प्रशासन काे मिली है। अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट में पानी को लेकर कोई गड़बड़ी नहीं है। रिपोर्ट ठीक आई है। अभी फिलहाल खाद्य पदार्थों की जांच की रिपोर्ट और शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। इन दोनों रिपोर्ट के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई होगी।

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