मंगला गौरी व्रत पर करें मां पार्वती के मंत्रों का जाप
सावन में आने वाले मंगलवार पर मां पार्वती को समर्पित मंगला गौरी व्रत किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से शिव-पार्वती की आराधना की जाती है। साथ ही इस दिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं भी व्रत करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत करो करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में मंगलवार 06 अगस्त, 2024 को सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत किया जाएगा।
मंगला गौरी व्रत का महत्व (Mangla Gauri Vrat Importance)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगला गौरी व्रत करने से माता गौरी के साथ-साथ भगवान शिव का भी आशीर्वाद मिलता है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को माता पार्वती का विशेष आशीर्वाद मिलता है, जिससे वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है। इतना ही नहीं इस व्रत से पति की लंबी उम्र और संतान सुख की प्राप्ति भी हो सकती है। वहीं अविवाहितों द्वारा यह व्रत करने से विवाह में आ रही बाधा से मुक्ति मिलती है।
मां पार्वती के मंत्र (Maa Parvati Mantra)
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके। शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।
ॐ गौरीशंकराय नमः।
ॐ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ॐ गोरा पार्वती देव्यै नमः
ह्रीं गौर्य नम :
है गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरू कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्।।
ध्यान मंत्र
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम: ।
नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणता:स्म ताम्।।
श्रीगणेशाम्बिकाभ्यां नम:, ध्यानं समर्पयामि।
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।