झारखंडराज्य

झारखण्ड: सैप में 565 सेवानिवृत्त सैनिकों की होगी बहाली

स्पेशल ऑक्जिलियरी पुलिस (सैप) में 565 सेवानिवृत्त सैनिक बहाल किए जाएंगे। पुलिस मुख्यालय ने इससे संबंधित विज्ञापन जारी कर दिया है। जारी विज्ञापन के अनुसार भूतपूर्व सैनिकों को इसमें विभिन्न पदों पर संविदा के आधार पर बहाल किया जाएगा।

सैप वन टाटीसिलवे व सैप टू जमशेदपुर के लिए बहाली होनी है। वर्तमान में दोनों वाहिनियों का कार्यकाल 31 मई 2027 तक विस्तारित है। इच्छुक सेवानिवृत्त भूतपूर्व सैनिकों के लिए रांची के डोरंडा स्थित जैप वन में 27, 28 व 29 अगस्त को साक्षात्कार होगा।

सैप के जवानों का उपयोग राज्य की विधि व्यवस्था बनाए रखने, नक्सल विरोधी अभियान को गति देने व अन्य सुरक्षा संबंधित दायित्वों के निर्वहन में किया जाता है। इन्हें राज्य की जेलों की सुरक्षा, औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा, थाना ओपी, टीओपी में पर्याप्त सशस्त्र बल उपलब्ध कराने के उद्देय से उपयोग में लाया जाता है।

इन पदों पर की जाएंगी भर्तियां
जिन पदों पर बहाली होनी है, उनमें सूबेदार मेजर के तीन, नायब सूबेदार सामान्य के 13, नायब सूबेदार तकनीकी के दो, नायब सूबेदार वायरलेस के 20, नायब सूबेदार आशु अवर निरीक्षक के एक, हवलदार सामान्य के 102, हवलदार चालक के छह, सिपाही सामान्य के 385, सिपाही चालक के 20 व रसोइया के 13 पद शामिल हैं।

इसमें प्रत्येक बटालियन के लिए भारतीय सेना से सेवानिवृत्त लेफ्टीनेंट कर्नल, मेजर, कैप्टन, सूबेदार मेजर, सूबेदार, नायब सूबेदार, हवलदार, सिपाही, चालक हवलदार, चालक सिपाही, वायरलेस कर्मी, लिपिक व रसोइया को दो वर्षों के लिए अनुबंध पर रखा जाएगा।

आवश्यकता के अनुसार इस अवधि का विस्तार आगे भी पांच वर्षों तक के लिए किए जाने पर विचार किया जा सकता है। इन्हें विशेष पुलिस पदाधिकारी के रूप में शक्ति दी जाएगी।

क्या-क्या होगी सुविधा?
ये एक मुश्त मासिक वेतन के आधार पर संविदा पर नियुक्त होंगे। निर्धारित मानदेय में प्रति वर्ष सेवावधि के बाद सभी सैपकर्मियों को आठ प्रतिशत मानदेय बढ़ोतरी स्वत: दे दिया जाएगा। झारखंड राज्य के निवासी भूतपूर्व सैनिक उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ही उक्त रिक्त पदों पर दूसरे राज्यों के भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्ति होगी।

अनुबंध पर रखे इन भूतपूर्व सैनिक पदाधिकारियों-कर्मियों को एक वर्ष में केवल 30 दिनों का क्षतिपूर्ति अवकाश देय होगा। यात्रा भत्ता व दैनिक भत्ता सरकारी ड्यूटी के दौरान नियमानुसार देय होगा।

कर्तव्य पालन के दौरान उग्रवादी हिंसा में मृत्यु आदि की स्थिति में एक पुलिसकर्मी के आश्रित को जो अनुग्रह अनुदान मिलता है, उसी के अनुरूप सैप जवान के आश्रित को भी मिलेगा।

Related Articles

Back to top button