झारखंड के प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता ने मंगलवार की शाम नक्सल प्रभावित जिलों के एसपी, रेंज डीआइजी, जोनल आइजी सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नक्सल विरोधी अभियान की समीक्षा की।
डीजीपी ने छह जिलों के एसपी को विशेष टास्क सौंप नक्सलियों की अवैध उगाही पर अंकुश लगाने का आदेश दिया है। इन जिलों में चाईबासा, बोकारो, चतरा, गिरिडीह, लातेहार व पलामू शामिल हैं।
डीजीपी ने इन जिलों के एसपी को नक्सलियों के विरुद्ध ठोस रणनीति बनाकर राज्य को नक्सल मुक्त करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
उन्होंने लगातार चलाए जा रहे अभियान के दौरान राज्य एवं केंद्रीय बलों के आपसी संबंध, एक दूसरे से सहयोग एवं प्राप्त खुफिया सूचना पर तत्काल कारगर कार्रवाई पर जोर दिया है। यह भी कहा है कि चरणबद्ध एवं समयबद्ध तरीके से अभियान चलाना है।
डीजीपी ने वर्तमान उग्रवादी-नक्सली परिदृश्य, सभी सक्रिय नक्सलियों से जुड़ी गतिविधिया व स्प्लिंटर ग्रुप्स पर की जाने वाली कार्रवाई की सभी संबंधित जिलों से जानकारी ली है।
उन्होंने विभिन्न जिलों में कार्यरत पिकेट की वर्तमान संख्या, उनकी स्थिति व आवश्यकता की भी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से सभी महत्वपूर्ण नक्सली, स्प्लिंटर समूह के प्रोफाइल के रखरखाव पर भी जोर दिया।
वैसे प्रमुख नक्सली जो जमानत पर रिहा हुए हैं, उनकी गतिविधि पर नजर रखने के लिए भी कहा गया है। पुलिस पोस्टों की सुरक्षा ऑडिट की जाएगी।
नक्सलियों के समर्पण राशि की भुगतान की स्थिति, मुआवजा राशि का बकाया, फरार नक्सलियों की संपत्ति की कुर्की किए जाने के संबंध में भी डीजीपी ने सभी संबंधित एसपी से जानकारी ली। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल संचार तथा महत्वपूर्ण सड़क, पुल, पुलिया की स्थिति को भी जाना।
बैठक में ये रहे मौजूद
पुलिस मुख्यालय में डीजीपी के साथ एडीजी अभियान डा. संजय आनंदराव लाठकर, आइजी सीआरपीएफ साकेत कुमार सिंह, आइजी रांची अखिलेश कुमार झा, आइजी अभियान अमोल वीनुकांत होमकर, आइजी विशेष शाखा प्रभात कुमार, डीआइजी रांची अनूप बिरथरे, डीआइजी जैप मयूर पटेल कन्हैयालाल, डीआइजी एसआइबी कार्तिक एस., आइबी के संयुक्त उप निदेशक उत्कर्ष प्रसून, एसपी अभियान अमित रेणु उपस्थित थे।