समाजवादी पार्टी (सपा) की पहचान क्षेत्रीय दल से बढ़कर राष्ट्रीय पार्टी के रूप में दिलाने के लिए अखिलेश यादव भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने इंडिया गठबंधन का हवाला देते हुए कांग्रेस से हरियाणा में पांच विधानसभा सीटें मांगी हैं।
समाजवादी पार्टी को कांग्रेस हाईकमान के जवाब का इंतजार है। हालांकि हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में किसी भी गठबंधन से इन्कार करते हुए कहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन में शामिल है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी। यदि कांग्रेस हरियाणा में समाजवादी पार्टी को सीटें नहीं देती है तो अखिलेश यादव मध्य प्रदेश की तरह हरियाणा में भी अकेले चुनाव लड़ने का फैसला ले सकते हैं। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए यूपी की 37 सीटों पर जीत दर्ज की।
पार्टी को तीन सीटों पर करीबी मुकाबले में हार मिली। इस परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा दिलाने के प्लान पर काम शुरू कर दिया है। इसी रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है।
हरियाणा की 11 विधानसभा सीटों पर अहीर मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। 8 से 10 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है। इसके अलावा प्रदेश करीब 15 लाख प्रवासी मतदाता हैं।
इनमें से करीब 12 लाख मतदाता उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं। इन्हीं आंकड़ों के आधार पर समाजवादी पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव के दंगल में अपनी जीत की संभावनाएं टटोल रही है। पार्टी ने कांग्रेस नेतृत्व से यादव बहुल पांच सीटें मांगी हैं।
जींद के बुढ़ाखेड़ा के मूल निवासी और समाजवादी पार्टी से पूर्व नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश विधान परिषद संजय लाठर ने बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत चल रही है।
पार्टी जिन पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारना चाहती है उनके बारे में कांग्रेस को बता दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब सीटों के समझौते को लेकर फैसला कांग्रेस नेतृत्व को करना है। दो-तीन दिन बाद लखनऊ में समाजवादी पार्टी की बैठक होनी है। इसी में हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने पर फैसला लिया जाएगा।
मध्य प्रदेश में अकेले लड़कर सपा ने काटे कांग्रेस के वोट
2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से सीटें मांगी थीं और तब मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दो टूक कह दिया था कि समाजवादी पार्टी को एक भी सीट नहीं देंगे। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश की 71 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए।
अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में 24 रैलियां की थीं। इन रैलियों में अखिलेश के निशाने पर भाजपा से ज्यादा कांग्रेस रही थी। हालांकि समाजवादी पार्टी को मध्य प्रदेश में एक भी सीट नहीं मिली, लेकिन समाजवादी पार्टी के वोट काटने की वजह से कांग्रेस जरूर चार सीटों निवाड़ी, राजनगर, ओरछी और चांदला पर हार गई थी।
जिस तरह लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने बड़ा दिल दिखाते हुए कांग्रेस को सीटें दी थीं। अब हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भी बड़प्पन दिखाना चाहिए और समाजवादी पार्टी को पांच सीटें देनी चाहिए। -संजय लाठर, सपा नेता एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश विधान परिषद
समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन केंद्रीय स्तर पर है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर अभी किसी भी दल से कोई बात नहीं चल रही है। यदि समाजवादी पार्टी की कांग्रेस हाईकमान के साथ वार्ता चल रही है तो अभी इस बारे में प्रदेश कांग्रेस को कोई जानकारी नहीं है। -चांदवीर हुड्डा, प्रवक्ता, हरियाणा कांग्रेस