अध्यात्म

 इन गलतियों से अजा एकादशी व्रत हो सकता है खंडित

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह में अजा एकादशी व्रत 29 अगस्त को किया जाएगा। एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि अजा एकादशी व्रत करने से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और श्री हरि प्रसन्न होते हैं। ऐसा माना जाता है कि व्रत के दौरान कुछ गलतियों को करने से जातक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए, अजा एकादशी व्रत के नियम जानते हैं।

अजा एकादशी के दिन क्या करें

  • एकादशी व्रत विधिपूर्वक करना चाहिए।
  • विशेष चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।
  • भगवान विष्णु को प्रिय भोग लगाने चाहिए।
  • भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें।
  • व्रत का पारण जरूर करना चाहिए।
  • भजन-कीर्तन करना चाहिए।
  • तुलसी माता की पूजा करें।
  • मंदिर की विशेष सफाई करें।

अजा एकादशी के दिन क्या न करें

  • अजा एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • तामसिक चीजों के सेवन से दूर रहना चाहिए।
  • किसी वाद विवाद न करें।
  • बड़े बुर्जुगों और महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • धन की बर्बादी करने से बचना चाहिए।
  • पशु-पक्षी को परेशान नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी के दिन तुलसी दल तोड़ना वर्जित है।
  • सुबह की पूजा के बाद दिन में सोना वर्जित है।

कब है अजा एकादशी?
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ गुरुवार 29 अगस्त को देर रात 1 बजकर 19 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन शुक्रवार 30 अगस्त को देर रात 01 बजकर 37 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, अजा एकादशी व्रत 29 अगस्त 2024 को किया जाएगा।

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