मानदेय वृद्धि, ईपीएफ का लाभ देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 28 अगस्त को शिक्षा मंत्री के साथ झारखंड राज्य सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के साथ हुए समझौते का सहमति पत्र बुधवार को जारी कर दिया गया।
इसके तहत सहायक आचार्य के पदों पर नियुक्ति में सीटेट की मान्यता इस शर्त पर देने की सहमति बनी कि पारा शिक्षकों को इस पद पर नियुक्ति के बाद तीन वर्ष के भीतर या पहले अवसर में जेटेट परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।
समझौता पत्र के अनुसार, पारा शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा नियोक्ता का अंशदान अधिकतम 1,950 रुपया अथवा जो अनुमान्य हो, राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
साथ ही पारा शिक्षकों के अंशदान की राशि उनके मानदेय से नियमानुसार कटौती की जाएगी। हालांकि, इसका लाभ वित विभाग एवं कैबिनेट की स्वीकृति के बाद ही मिलेगा। पारा शिक्षकों के मानदेय में एकमुश्त एक हजार रुपये की वृद्धि होगी।
रिक्तियों में 20 फीसदी पदों पर चयन
शिक्षा विभाग में संविदा अथवा अनुबंध आधारित पदों पर योग्यता एवं अर्हता धारण करने की स्थिति में मृत पारा शिक्षकों के आश्रित को उपलब्ध रिक्तियों में 20 प्रतिशत पदों पर चयन होगा।
इसपर भी विभिन्न विभागों की अनुमति ली जाएगी। आकलन परीक्षा में त्रुटिपूर्ण रिजल्ट में सुधार के लिए जैक अध्यक्ष के साथ विभागीय बैठक की जाएगी। चार प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के लिए अब हर वर्ष प्राधिकार की स्वीकृति नहीं लेनी होगी।
कल्याण कोष के लिए परियोजना निदेशक के साथ संघर्ष मोर्चा के सदस्यों की बैठक होगी। आकलन परीक्षा को जे टेट के सामान्य मान्यता देने के लिए भविष्य में नियमानुसार चर्चा की जा सकेगी।
आज काला बिल्ला लगाएंगे टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षक
इधर, टेट सफल सहायक अध्यापक शिक्षक संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर काला बिल्ला लगाकर काम करने का निर्णय लिया है।
इनकी मांगों में प्रदेश के सभी 12,073 टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षको का सहायक आचार्य के पद पर समायोजित करना तथा 10 वर्ष कार्यानुभव की बाध्यता शिथिल करना सम्मिलित है। संघ ने सात सितंबर को शिक्षा मंत्री के धुर्वा स्थित आवास के घेराव का भी निर्णय लिया है।