दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने यमुना और अन्य जल निकायों में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी है। नियमों का उल्लंघन करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। स्थानीय नागरिक निकायों को आवासीय क्षेत्रों के पास अस्थायी विसर्जन स्थल या कृत्रिम तालाब बनाने को कहा गया है।
डीपीसीसी ने आदेश में कहा है कि पुलिस और नगर निकाय निर्देशों को लागू करने कराने के लिए मिलकर काम करेंगे। डीपीसीसी ने गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान पर्यावरण-अनुकूल मूर्ति विसर्जन के लिए नए निर्देशों को अनिवार्य कर दिया है।
इसमें किसी भी जल निकाय में प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियों के उपयोग पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। विसर्जन से निस्तारित पानी को बागवानी के लिए फिर से इस्तेमाल करने और बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से खाद बनाने के निर्देश दिए गए हैं।