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रेडिमेड कपड़ों की फिटिंग की समस्या अब होगी खत्म, भारत खुद अपना बनाएगा बॉडी साइज चार्ट…

अक्सर भारतीय जब कपड़े रेडीमेड कपड़े खरीदते हैं तो सबसे बड़ी समस्या फिटिंग की आती है। लोगों को शर्ट, पैंट,जींस शरीर के हिसाब से लूज या टाइट करानी पड़ती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ब्रांड या फिर घरेलू ब्रांड जिस माप का उपयोग करके कपड़े तैयार करती है वो अमेरिका या ब्रिटेन की है।

कपड़ा मंत्रालय जल्द ही इंडियनसाइज पहल (INDIAsize initiative) शुरू करने वाली है। दरअसल, इसका उद्देश्य भारतीयों के शरीर के अनुरूप बेहतर ढंग से तैयार किए गए मानकीकृत माप स्थापित करना है।

तीन कैटेगरी में मिलते हैं रेडिमेड कपड़े

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि सरकार जल्द ही इंडियनसाइज पहल शुरू करने वाली है। इस समय भारत में उपलब्ध अंतरराष्ट्रीय और घरेलू ब्रांड कपड़ों के लिए अमेरिका या ब्रिटेन के माप का उपयोग किया जाता है। इसे तीन कैटेगरी में बांटा गया है, छोटा, मध्यम और बड़ा।

गौरतलब है कि पश्चिमी शरीर के प्रकार ऊंचाई, वजन या शरीर के अंगों के विशिष्ट माप के मामले में भारतीयों से काफी अलग है, जिसकी वजह से भारतीयों में फिटिंग की समस्या होती है।

इंडियासाइड परियोजना को मिली मंजरी

कपड़ा मंत्रालय ने भारतीय परिधान के लिए मानक शरीर के आकार विकसित करने के लिए इंयियासाइज परियोजना को मंजूरी दी है ताकि उपलब्ध कराए गए फिट में मौजूदा असमानताओं और विसंगतियों को दूर किया जा सके।

विजनेक्स्ट भारत की पहल है जो कृत्रिम मेधा (एआई) और इमोशनल इंटेलिजेंस (ईआई) को मिलाकर फैशन ट्रेंड की जानकारी और पूर्वानुमान तैयार करती है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने के अनुरूप यह विजनेक्स्ट पोर्टल शुरू किया गया है। पहले अमेरिका और यूरोप फैशन डिजाइन का पूर्वानुमान लगाते थे, लेकिन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पहली बार कपड़ा मंत्रालय ने निफ्ट के साथ मिलकर इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की है।

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