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दिल्ली: एनजीटी ने ई-कचरे के उत्पादन और निपटान पर सीपीसीबी से मांगी रिपोर्ट

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक कचरे के उत्पादन और निपटान पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही ई-कचरा (प्रबंधन) नियमों का अनुपालन नहीं करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई का उल्लेख करने के लिए कहा है। वह नियमों के वैज्ञानिक प्रवर्तन के लिए अपने पिछले निर्देशों का अनुपालन न करने का दावा करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

हाल के एक आदेश में एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 30 अगस्त को एक रिपोर्ट दायर की थी, जिसमें ग्रीन पैनल के निर्देशों के संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई कार्रवाई का उल्लेख था। न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी पीठ में शामिल थे। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2023 को ई-कचरा (प्रबंधन) नियम 2022 को लागू किए गए थे। इसके अलावा उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीपीसीबी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

पीठ ने कहा कि सीपीसीबी को नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने, प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने, बिजली व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में खतरनाक पदार्थों के उपयोग को कम करने के प्रावधानों को लागू करने के लिए अनियत जांच भी करनी पड़ी। पीठ ने पाया रिपोर्ट में सीपीसीबी ने कुछ राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा गैर-अनुपालन या आंशिक गैर-अनुपालन का उल्लेख किया है। लेकिन, रिपोर्ट उस गैर-अनुपालन और सीपीसीबी द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई को प्रतिबिंबित नहीं करती है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि रिपोर्ट वर्ष 2023-2024 के लिए हासिल किए गए लक्ष्य की सीमा को भी नहीं दर्शाती है।

नई रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश
इसने सीपीसीबी को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ई-कचरे के उत्पादन, उसके उपचार, उपचार सुविधा और अंतर से संबंधित विवरण प्रदान करने और छह सप्ताह के भीतर एक नई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 12 दिसंबर तक के लिए टाल दिया गया है।

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