डीआरडीओ ने शुक्रवार 13 सितंबर को सुबह 10.45 बजे और बीते रोज (12 सितंबर को) दोपहर 3.18 बजे जमीन से हवा में प्रहार करने वाली घातक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।
लगातार दो दिनों में दो बार अलग-अलग समय में कम दूरी से प्रहार करने वाली घातक मिसाइल का सफल परीक्षण से देश की ताकत में इजाफा हुआ है।
सतह से हवा में अटैक
सतह से हवा में मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र वीएलएसआरएसएएम का सफल परीक्षण किया गया है। इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह दुश्मन की रडार की पकड़ में नहीं आती है। यह पलक झपकते ही दुश्मन के किसी भी हवाई खतरे को तहस-नहस करने में कामयाब रहती है।
इस मिसाइल की मारक क्षमता 80 किलोमीटर तक है। भारतीय डीआरडीओ ने वर्टिकली लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल का सफल परीक्षण कर अपने स्वदेशी ज्ञान कौशल का एक उत्तम नमूना पेश किया है।
जंगी जहाज और जमीन पर हो सकेगी इस्तेमाल
यह मिसाइल संपूर्ण रूप से स्वदेशी है। नौसेना के जंगी जहाज में इसे वर्टिकल लॉन्च सिस्टम में लगाया जाता है, इसलिए इसे वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल भी कहते हैं। इसका इस्तेमाल जमीन से भी किया जा सकता है।
डीआरडीओ ने भारत की तीनों सेनाओं जल, थल और वायु को ताकतवर बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है। नई और पुरानी मिसाइल का आधुनिकरण कर डीआरडीओ भारतीय सेना के लिए इस तरह के मिसाइल परीक्षण करता है।
मिसाइल ने सटीक निशाना बनाया
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा भारतीय नौसेना ने ओडिशा के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से इस मिसाइल का लगातार दूसरे दिन दूसरी बार सफल परीक्षण किया है।
वर्टिकल लॉन्चर से दागी गई मिसाइल की मदद से तेज गति वाले हवाई लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा गया था। आज के परीक्षण को देखते हुए चांदीपुर लॉन्चिंग कंपलेक्स एसएल तीन के नजदीक ढाई किलोमीटर के करीब 6 गांव से 3100 लोगों को सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक अस्थायी शिवरों में रखा गया था।
आज के परीक्षण के लिए भी देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी. कामत ने डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी है।