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महंगे प्याज के लिए रहें तैयार, 100 रुपए किलो तक पहुंच सकते हैं दाम!

आने वाली दिनों में प्याज की कीमतें और रुला सकती हैं। आगामी दिनों में प्याज की कीमतों में और वृद्धि की संभावना जताई जा रही है, जिसका प्रमुख कारण हाल ही में सरकार द्वारा प्याज पर लागू निर्यात शुल्क (export duty) में 20% की कटौती है। इससे प्याज की थोक कीमतों में वृद्धि हो रही है और खुदरा बाजार में भी प्याज के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मूल्य वृद्धि 100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है। फिलहाल खुदरा बाजार में यह 60 से 80 रुपए प्रति किलो के बीच बिक रही है।

दिल्ली की गाजीपुर, ओखला और आजादपुर सब्जी मंडी समेत सभी सब्जी मंडियों में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक से प्याज की सप्लाई होती है। प्याज कारोबारी श्रीकांत मिश्रा बताते हैं कि तीन दिन पहले मंडी में प्याज का थोक दाम 35 से 45 रुपए प्रति किलो था लेकिन सरकार की ओर से प्याज निर्यात शुल्क 20 फीसदी घटा दिया गया। इसकी वजह से मंडी में प्याज के थोक रेट में प्रति किलो 5 रुपए की बढ़ोतरी हो गई।

थोक रेट 50 रुपए प्रति किलो पार
श्रीकांत ने बताया कि प्याज का रेट थोक में 50 रुपए के आंकड़े को पार कर गया है। आने वाले दिनों में प्याज के रेट में और उछाल आ सकता है। श्रीकांत के मुताबिक, नई फसल आने में अभी टाइम लगेगा। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से ही अभी प्याज की सप्लाई हो रही है। राजस्थान में स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है जिससे मंडी में कम प्याज आ रही है। वहीं,एक कारोबारी ने बताया की खुदरा मार्केट में प्याज का दाम 80 रुपए से अधिक है। आशंका है कि आने वाले दिनों में प्याज का दाम 100 रुपए प्रति किलो का आंकड़ा छू सकता है।

महंगे प्याज मिलने के ये हैं 2 कारण

MEP की सीमा हटाना
सरकार ने हाल ही में प्याज से मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) की सीमा को हटा दिया है। अभी तक प्याज पर MEP 550 डॉलर प्रति टन तय किया गया था। लेकिन विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इसे तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक हटा दिया है। इससे किसान ज्यादा और अच्छी क्वॉलिटी वाली प्याज विदेशों में ऊंची कीमत पर सप्लाई कर सकेंगे। प्याज का खुलकर एक्सपोर्ट करने के बाद देश में प्याज की कमी हो सकती है। इससे प्याज की कीमत में तेजी आएगी।

नई फसल आने में लगेगा समय
अभी प्याज की नई फसल आने में करीब दो महीने का समय लगेगा। ऐसे में मंडियों में नई प्याज अभी नहीं आएगी। जो स्टॉक है, किसान उसी प्याज का एक्सपोर्ट करेंगे। नई प्याज न आने से भी प्याज की आवक कम होगी। ऐसे में मंडियों से प्याज कम हो सकती है। प्याज कम होने और मांग बढ़ने पर इसकी कीमत में इजाफा देखा जा सकता है।

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