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आज से भारत मंडपम में जल प्रबंधन पर मंथन करेंगे विशेषज्ञ, राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी शुभारंभ

पंचायती राज मंत्रालय नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में मंगलवार से 20 सितंबर तक 8वें भारत जल सप्ताह के तहत प्रदर्शनियां लगाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगी।

आयोजन में पंचायती राज के अलावा पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा मंत्रालय, शहरी विकास, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय से लेकर ग्रामीण विकास मंत्रालय भाग लेंगे। कार्यक्रम में विभिन्न देशों के जल संसाधन क्षेत्र के विशेषज्ञों समेत जल के क्षेत्र में काम कर रहे लोग भाग लेंगे। आयोजन में डेनमार्क, इस्राइल, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे देश अपने देश की श्रेष्ठ प्रथाओं और जल प्रबंधन को लेकर चर्चा करेंगे।

कार्यक्रम का विषय ‘समावेशी जल विकास और प्रबंधन के लिए भागीदारी और सहयोग’ है। मंत्रालय के प्रदर्शनी स्टॉल पर देश भर की ग्राम पंचायतों की ओर से जल प्रबंधन में अपनाए जा रहे सर्वोत्तम तरीकों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण, जल वितरण, जल वितरण में राशनिंग आदि शामिल हैं।

सिर्फ सरकारें नहीं कर सकतीं समाधान मिलकर काम करना होगा
देबाश्री मुखर्जी जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण सचिव देबाश्री मुखर्जी ने कहा स्वच्छ जल तक पहुंच, स्वच्छता एवं स्थायी जल प्रबंधन का कार्य सिर्फ सरकारें नहीं कर सकती हैं। इसके लिए उद्योगों, शिक्षाविदों और नागरिक समाज को मिलकर काम करना होगा। यह कई हितधारकों को एक साथ लाने, एक-दूसरे से सीखने और मुद्दों का मिलकर समाधान खोजने का प्रयास है। उन्होंने कहा, आयोजन का मकसद उपलब्ध जल संसाधनों का अधिकतम प्रयोग और प्रबंधन है। इसका लक्ष्य 21 वीं सदी में जल प्रबंधन की जटिलताओं को संबोधित करना है।

भाग नहीं लेंगे चीन और बांग्लादेश
इस आयोजन में चीन और बांग्लादेश भाग नहीं लेंगे। बांग्लादेश पहले इस आयोजन में सक्रिय भूमिका में था, लेकिन वहां के हालातों के चलते अब वह इस आयोजन का हिस्सा नहीं होगा। आयोजन में चार देशों और भारत के आठ राज्यों के मंत्री भाग लेंगे। ये जल प्रबंधन पर अपने अनुभवों को साझा करेंगे। इसके अलावा दो महिला जल योद्धा जो जल संसाधनों के प्रबंधन पर अपने जीवन के वास्तविक अनुभवों को साझा करेंगी। इसमें मध्य प्रदेश से उजियारी बाई हैं। कार्यक्रम में कनाडा, ब्रिटेन जैसे देशों के उच्च तकनीक समाधानों के अलावा शैक्षणिक संस्थान अपनी दक्षता का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा स्टार्टअप भी अपने सफलता की कहानियां साझा करेंगे।

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