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CBSE ने किया बड़ा बदलाव, अब हुई कोई Mistake तो नहीं होगी ठीक

सी.बी.एस.ई. स्कूलों में 9वीं एवं 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले स्टूडैंट्स की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कल से शुरू होकर 16 अक्तूबर तक चलेगी जिसके लिए रजिस्ट्रेशन विंडो खुलने के बाद से स्कूल स्टूडैंट्स की रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इस बार विद्यार्थियों की जन्मतिथि भरते समय स्कूलों को बेहद सावधानी बरतनी होगी क्योंकि सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने 2025-26 की वार्षिक परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करने से पहले नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

बोर्ड ने कहा है कि अब छात्रों की जन्मतिथि दर्ज करने के पैटर्न में बदलाव करना होगा। इसके अनुसार जन्मतिथि का दिन और वर्ष अंकों में लिखा जाएगा, जबकि महीना अक्षरों में लिखा किया जाएगा। उदाहरण के लिए यदि किसी छात्र की जन्मतिथि 1 फरवरी 2005 है तो इसे 01-FEB-2005 के रूप में दर्ज किया जाएगा। बोर्ड ने इस बार अन्य बदलाव भी किए हैं। अब एक बार छात्र का डाटा बोर्ड को भेजे जाने के बाद उसमें किसी भी तरह का सुधार नहीं किया जा सकेगा। पहले स्कूल विद्यार्थी या उनके अभिभावकों के आग्रह पर परीक्षा से पहले तक जन्मतिथि या नाम में सुधार कर देते थे। इस प्रक्रिया से बोर्ड को डाटा सुधारने में कठिनाई होती थी। अब यह सुधार केवल परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के बाद ही किया जा सकेगा। इस बदलाव से सीबीएसई को डाटा प्रबंधन में आसानी होगी और परीक्षा प्रक्रिया अधिक सुचारू रूप से चलेगी।

नई व्यवस्था से कम होगी भ्रम की स्थिति
सी.बी.एस.ई. के इस बदलाव के पीछे उद्देश्य यह है कि जन्मतिथि दर्ज करने में होने वाले भ्रम को कम किया जा सके। स्कूलों ने भी बोर्ड के इस फैसले को सराहा है। उन्होंने कहा कि पहले अंकों में पूरी जन्मतिथि दर्ज करने पर कई तरह की गलतफहमियां होती थीं। खासकर, देश विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग डेट फॉर्मेट (डीडी-एमएम-वाईवाई और एमएम-डीडी-वाईवाई) का उपयोग किया जाता था जिससे यह तय करना कठिन हो जाता था कि किस फॉर्मेट में जन्मतिथि लिखी गई है।

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