साहिबगंज जिले में मलेरिया का विस्फोट हो गया है। इस माह में अब तब इसके 228 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से सबसे अधिक 76 मरीज बोरियो के दपानी गांव में मिले हैं। इस साल अब तक कुल 322 मरीज मिल चुके हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।
इससे निबटने की तैयारियों में विभाग जुटा हुआ है। हालांकि, इसपर काबू पाने में विभाग सफल नहीं हो पा रहा है। लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। विगत कई साल से मलेरिया नियंत्रण में था लेकिन अचानक से इसमें वृद्धि हो गई। साहिबगंज से पूर्व पड़ोसी जिले गोड्डा के सुंदरपहाड़ी में बड़ी संख्या में इसके मरीज मिले थे।
निबटने पर सालोंभर काम
मलेरिया, कालाजार, डेंगू आदि की रोकथाम के लिए विभाग सालोंभर काम करता है। जागरूकता कार्यक्रम पर हर साल लाखों रुपये खर्च होते हैं। नियमित रूप से दवा का छिड़काव कराया जाता है। मच्छरदानी का भी वितरण किया जाता है। इसके बाद भी विभाग इसपर काबू नहीं पा रहा है।
जानकारों की मानें तो इन बीमारियों से निबटने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की ठीक से जांच पड़ताल हो तो बड़ा खुलासा हो सकता है। नौ सितंबर को मंडरो प्रखंड के सिमरिया गांव की एक पहाड़िया बच्ची की मौत कथित रूप से मलेरिया से होने के बाद यह बीमारी चर्चा में आई।
हालांकि, विभाग ने अब तक बच्ची की मौत का कारण मलेरिया नहीं माना है। उधर, इस मामले के सामने आने के बाद जांच पड़ताल तेज हुई तो 228 मरीज अब तक मिल गए। इससे पूर्व इक्का-दुक्का मरीज ही मिलते थे। इस वजह से विभाग अपनी पीठ थपथपाते रहता था।
जिले में अब तक 90 गांव में शिविर लगाकर संदिग्ध लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई है। इस दौरान 322 मरीज मिले। अगस्त तक 23 साधारण मलेरिया व 66 ब्रेन मलेरिया के मरीज मिले थे। विभागीय कर्मियों के अनुसार वैसे 14 गांव को चिन्हित किया गया है जिसमें दो से अधिक मरीज मिले हैं।
प्रखंड वार मलेरिया का रिपोर्ट
- प्रखंड मरीज
- बरहेट 65
- बरहड़वा 05
- बोरियो 202
- मंडरो 11
- पतना 04
- राजमहल 15
- सदर ब्लाक 14
- तालझारी 05
- उधवा 01
- कुल 322
माहवार मरीज
- जनवरी 08
- फरवरी 06
- मार्च 08
- अप्रैल 08
- मई 08
- जून 10
- जुलाई 18
- अगस्त 25
- सितंबर 228
- कुल 322
डेंगू के 78 मरीज मिले
साहिबगंज जिले में डेंगू के मरीजों की खोज के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। जिले के 50 गांवों में अब तक डेंगू की जांच की गई है। 419 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई जिनमें डेंगू के 78 मरीज मिले। इनमें से कुछ ठीक हो चुके हैं। कुछ निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।
सदर अस्पताल में मरीज जांच कराने आता तो है लेकिन रिपोट पाजीटिव आने के बाद तुरंत इलाज के लिए बाहर निकल जाता है। डेंगू में मरीज को प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ती है जिसकी कोई व्यवस्था यहां नहीं है। इसके लिए भागलपुर या मालदा जाना पड़ता है।
हालांकि, प्लेटलेट चढ़ाने के लिए डीएमएफटी फंड से मशीन की खरीदारी हो चुकी है। लेकिन रजिस्ट्रेशन के अभाव में धूल फांक रही है। इस मशीन को चलाने के लिए कोई आपरेटर नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डेंगू जांच के दौरान 17 ऐसे गांव को चिन्हित किया गया है जहां दो या दो से अधिक मरीज मिले हैं। जिले के गणेशपुर में डेंगू के आठ मरीज मिले हैं। पाकुड़ के 10 संदिग्ध मरीजों की भी जांच यहां की गई जिनमें छह डेंगू के मरीज मिले।
प्रखंडवार डेंगू के मरीज
- बरहड़वा 05
- बोरियो 01
- राजमहल 02
- सदर शहरी 62
- उधवा 02
- पाकुड़ 06
जिले के कुछ भागों में मलेरिया के कुछ मरीज मिले हैं। उनसे निबटने के लिए विभाग युद्धस्तर पर जुटा हुआ है। जल्द ही उसपर काबू पा लिया जाएगा।-डॉ. प्रवीण संथालिया, सीएस, साहिबगंज