अध्यात्म

दशहरा के दिन इन कार्यों से बनाएं दूरी, वरना जीवन में भुगतने पड़ेंगे बुरे परिणाम

सनातन धर्म में दशहरा (Dussehra 2024) का पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता जाता है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान राम की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। इस दिन राम जी ने रावण का वध किया था। वहीं, मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध करके पूरे जगत में शांति का संचार किया था। इस दिन कुछ कार्यों को करने से बचाना चाहिए। माना जाता है कि इस लेख में बताए गए कार्यों को करने से जातक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

दशहरा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस बार आश्विन माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से होगा। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। ऐसे में दशहरा का पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अपराह्न पूजा का समय दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से लेकर 03 बजकर 35 मिनट तक है। रावण दहन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

रावण दहन विजय मुहूर्त में किया जाता है। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से लेकर 02 बजकर 49 मिनट तक है। इस दौरान आप रावण दहन कर सकते हैं।

न करें ये कार्य
सनातन धर्म में दशहरा के त्योहार को सत्य, धर्म और कर्म का प्रतीक माना जाता है। इस शुभ दिन पर बड़े-बुजुर्ग और महिलाओं का अपमान न करें। ऐसा करने से धन की मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। इसी वजह से ऐसी गलती भूलकर भी न करें।
दशहरा के दिन किसी भी पशु-पक्षी की हत्या न करें और उनको किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचाएं। ऐसा करने से जातक को बुरे परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा शारदीय नवरात्र में तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
दशहरा के दिन किसी से बातचीत के दौरान झूठ या कटु वचन न बोलें और किसी से वाद-विवाद न करें।
रावण के स्वार्थ कारणों की वजह से पूरी लंका ध्वस्त हो गई थी, जिसमें कई सैनिक मारे गए, लेकिन इसके बाद वह तानाशाही करता रहा। इसलिए पारंपरिक और सामाजिक संस्थाओं को दबाना नहीं चाहिए।

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