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भारत और फ्रांस मिलकर बनाएंगे एयरोनॉटिक्स क्लस्टर

भारत में फ्रांस के राजदूत थिएरी मथौ ने सोमवार को कहा कि दोनों देश एयरोस्पेस क्षेत्र में अपने सहयोग को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। दोनों देशों ने एक एयरोनॉटिक्स क्लस्टर स्थापित करने के साथ-साथ एयरोनॉटिक्स और अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए इंडो-फ्रेंच परिसर विकसित करने का फैसला किया है।

दोनों देश लंबे समय से रणनीतिक साझेदार हैं, खासकर रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में। फ्रेंच एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (जीआईएफएएस) द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए थिएरी मथौ ने कहा कि फ्रांस से भारत को होने वाला 55 प्रतिशत निर्यात वैमानिकी क्षेत्र में है। 2024 की पहली छमाही में फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनियों का भारत में निर्यात 2.7 अरब यूरो रहा।

वैमानिकी क्लस्टर स्थापित करने पर भी हो रहा काम
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी न केवल रणनीतिक बल्कि सार्वभौमिक है। दोनों देश वर्तमान में वैमानिकी और अंतरिक्ष में पेशेवर प्रशिक्षण के लिए एक इंडो-फ्रेंच परिसर पर काम कर रहे हैं। हम नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ मिलकर एक वैमानिकी क्लस्टर स्थापित करने पर भी काम कर रहे हैं। क्लस्टर प्रस्ताव के बारे में विस्तृत विवरण का फिलहाल पता नहीं चल सका है।

थिएरी मथौ के अनुसार, ‘फ्रांस भारत की परिवहन व्यवस्था को कार्बन मुक्त करने तथा सतत विमानन ईंधन (एसएएफ) विकसित करने के लक्ष्य में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि आज हमारी साझेदारी सिर्फ रणनीतिक नहीं है। आपको इसे सार्वभौमिक कहना चाहिए, क्योंकि यह समुद्र तल से लेकर बाहरी अंतरिक्ष तक जाती है। कार्यक्रम में नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि भारत और फ्रांस एक मजबूत एसएएफ आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।

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