उत्तरप्रदेशराज्य

100 करोड़ में इसे लीज पर लेने वालों की कमी नहीं, फिर भी फैसला अधर में; इसलिए हुआ था बंद

समाजवादी नेता और आपातकाल में इंदिरा गांधी के खिलाफ जन आंदोलन की अगुवाई करने वाले जय प्रकाश नारायण की जयंती पर शुक्रवार को लखनऊ स्थित जेपीएनआईसी (जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया।

बता दें कि जेपीएनआईसी को बहुउद्देश्यीय सम्मेलन केंद्र के रूप में बनाया गया है। करीब 18.6 एकड़ में फैले इस केंद्र का निर्माण वर्ष 2013 में शुरू हुआ था। इसके टेंडर रियल एस्टेट कंपनी शालीमार के संजय सेठ को मिला था। वर्ष 2016 तक इस केंद्र की इमारत पर 813 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 11 अक्तूबर 2016 को अखिलेश यादव ने स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन कर दिया था। ऑल वेदर ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल और मल्टीपर्पज कोर्ट में खेलों से जुड़ी प्रस्तुति भी कराई गई। बाद में इस हिस्से को बंद कर दिया गया।

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने जेपीएनआईसी को लीज पर देने का फैसला किया था। पीपीपी मोड में इसे चलाने के लिए करीब 100 करोड़ रुपये खर्च का आकलन किया गया लेकिन सरकार ने अभी तक इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। हालांकि लीला ग्रुप सहित कई बड़े होटल समूहों ने इसके लिए संपर्क किया गया था। इस सेंटर का स्वीकृत बजट 864 करोड़ रुपये था। संशोधित बजट 920 करोड़ रुपये किया गया। इमारत करीब 90 फीसदी तैयार है। शेष रकम का इस्तेमाल फिनिशिंग पर किया जाना था लेकिन समस्या ये है कि सात साल से बंद इमारत खंडहर हो रही है। इमारत में लगे एसी, लिफ्ट, एक्सीलेटर आदि बिना चले ही बेकार हो रहे हैं। करोड़ों रुपये की लाइटिंग भी खराब होने की स्थिति में है। इसके मेंटेनेंस पर ही सालाना 70 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। एलडीए के पास इस मद में कोई प्रावधान नहीं है।

सुरेश पासी ने लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप, बैठी थी जांच
वर्ष 2017 में योगी सरकार आने के बाद आवास राज्यमंत्री सुरेश पासी ने जेपीएनआईसी में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। तब सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। अभी इसकी रिपोर्ट नहीं आई है। उधर, इमारत बंद हो गई। इस पर संजय शर्मा ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की। इसमें कहा गया कि जेपीएनआईसी करदाताओं के पैसे से बनी है और इमारत खंडहर हो रही है। केवल 100 करोड़ की जरूरत है और इमारत तैयार पूरी बन जाएगी। इस पर तत्कालीन चीफ जस्टिस ने सरकार को नोटिस जारी किया। तब इमारत में काम शुरू हो गया। इस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कमेंट किया तो निर्माण फिर रोक दिया गया। काम रोकने पर हाईकोर्ट ने पुन: नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अखिलेश कह चुके हैं कि सरकार इस केंद्र को नहीं चला सकती है तो इसे बेच दे। कम से कम जो खरीदेगा, वह चलाएगा।

तमाम खूबियों से लैस है सेंटर
जेपीएनआईसी में 2,000 लोगों की क्षमता का कन्वेंशन हॉल, 107 कमरों वाला लग्जरी होटल, एक जिम, स्पा, सैलून, रेस्तरां, स्विमिंग पूल, बैडमिंटन कोर्ट, टेनिस कोर्ट, स्कवैश कोर्ट, डाइविंग पूल है। 1200 वाहनों के लिए बहुमंजिला कार पार्किंग और जयप्रकाश नारायण के जीवन और विचारों से जुड़ा संग्रहालय है। इसके अलावा 19 मंजिल की इस इमारत में ओपन एयर रेस्तरां और 19वें फ्लोर पर हेलीपैड है।

लोकनायक की जयंती पर लगातार दूसरे साल घमासान
इमरजेंसी में विपक्ष के अगुवा बने लोक नायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर लगातार दूसरे साल घमासान देखने को मिला। गोमतीनगर स्थित जेपी एनआईसी के साथ ही समाजवादी पार्टी के विक्रमादित्य मार्ग स्थित कार्यालय के बाहर बेरिकेटिंग कर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। अखिलेश यादव ने पिदले साल जय प्रकाश नाराण की जयंती पर जेपीएनआईसी सेंटर का गेट फांदकर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया था। इसके बाद वहां जमकर हंगामा हुआ था। भारी संख्या में सपा कार्यकर्ता वहां जाकर जम गए थे। इसके चलते वहां दिन भर जाम जैसी स्थिति बनी रही थी। इसको देखते हुए प्रशासन ने लोक नायक की जयंती से एक दिन पहले ही जेपीएनआईसी के गेट पर टिनशेड लगवा दिए। इसकी सूचना पाकर अखिलेश यादव बृहस्पतिवार रात ही वहां पहुंचे थे। शुक्रवार को जय प्रकाश नारायण की जयंती पर जेपीएनआईसी और सपा कार्यालय के बाहर कई जगह बेरिकेटिंग करके चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई।

जेपीएनआईसी का एक किलोमीटर दायरा रहा सील
सपा कार्यकर्ताओं के भारी संख्या में पहुंचने की आशंका में प्रशासन ने जेपीएनआईसी के एक किलोमीटर का दायरा पूरी तरह से सील कर दिया। 1090 चौराहा, समतामूलक चौराहा और अंबेडकर पार्क चौराहे से किसी को भी जेपीएनआईसी की ओर नहीं जाने दिया गया। छुट्टी का दिन होने की वजह से इसके चलते कोई अव्यवस्था या जाम की स्थिति नहीं बनी। राहगीरों को लंबा चक्कर लगाकर अपने गंतव्य स्थल जाना पड़ा।

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