फेस्टिव हो या वेडिंग हर सीजन के लिए परफेक्ट हैं ऑक्सीडाइज्ड जूलरी
इस समय अगर आप बाजार का रुख करेंगी, तो पाएंगी कि हर ओर ऑक्सीडाइज्ड झुमके, मांगटीका, नथ, चूडियां, अंगूठियां, हार, चोकर और टो-रिंग… जैसी तमाम तरह की एक्सेसरीज मिल रही हैं। युवतियों के कई गुट जहां इसे खरीदने में बहुत तल्लीन दिखते हैं, तो वहीं कई युवतियां चांदबालियां पहनकर शीशे में स्वयं को निहारती नजर जाती हैं। मानो वह अपनी सखियों से पूछ रही हो कि बताओ यह चांदबाली मुझ पर जंच तो रही है न! गौरतलब है कि इन दिनों ऑक्सीडाइज्ड जूलरी की खरीदारी से बाजार देर रात तक गुलजार हैं।
यह एक्सेसरीज दिखने में चांदी की तरह लगती है, जो काफी आकर्षण प्रदान करती है। सबसे खास बात यह है कि ऑक्सीडाइज्ड जूलरी लंबे समय तक अपनी रंगत नहीं खोती है और इनकी चमक भी बरकरार रहती है। इन्हें डांडिया या गरबा से लेकर करवाचौथ व दीपावली पर पहनकर आकर्षक दिख सकती हैं।
क्या होती है ऑक्सीडाइज्ड जूलरी?
इस तरह के आभूषण से लुक भले ही पारंपरिक परिधान से मिलता है, लेकिन यह नए जमाने के गहने हैं। यही कारण है कि ये युवतियों को बहुत लुभा रहे हैं। इन गहनों को स्टर्लिंग सिल्वर से बनाया जाता है यानी चांदी के साथ ऐसा मेटल मिलाया जाता है, जो इनकी चमक को हमेशा के लिए बरकरार रखता है। यह जूलरी न ही ज्यादा भड़कीली होती है और न ही इनकी रंगत कम होती है। इसलिए इन्हें रोजमर्रा में भी पहना जा सकता है।
क्यों लोकप्रिय हो रहे हैं ये गहने?
ऑक्सीडाइज्ड जूलरी बनाने के लिए मैन्यूफैक्चरर्स अक्सर तांबे, पीतल और अन्य कम महंगी धातुओं का उपयोग करते हैं। इस कारण ऑक्सीडाइज्ड जूलरी अन्य प्रकार के गहनों की तुलना में अधिक सस्ती विकल्प बनती है। इसके साथ ही इन्हें पर्यावरण अनुकूल भी माना जाता है, जो इसे अन्य प्रकार के गहनों की तुलना में अधिक आकर्षक बनाता है। आजकल इसे सिल्वर प्लेटेड गहने या ऑक्सीडाइज्ड सिल्वर के नाम से भी खरीदा जा रहा है।
यह भी जानें
- जब भी ऑक्सीडाइज्ड जूलरी खरीदें तो एक बार उसकी क्वालटी जरूर चेक कर लें और यह सुनिश्चित कर लें कि इसमें प्रयोग किया गया मेटल खराब क्वालिटी का न हो। अगर ऑक्सीडाइज्ड जूलरी अच्छी क्वालिटी की होगी तो पानी पड़ने पर भी यह खराब नहीं होगी।
- इन आभूषणों में कालापन सल्फर के साथ सिल्वर सल्फाइड मिलाने की वजह से आता है। इसलिए इन गहनों को हमेशा सूती कवर या कपड़े से पैक करके एक बाक्स के अंदर ही रखें।
- इस तरह के गहनों में भी हल्के आभूषण का चुनाव करें। अगर आप भारी इयररिंग्स पहनेंगी तो इससे कान लटकने का डर बना रहता है। वैसे भी आजकल भारी आभूषणों के मुकाबले हल्के आभूषण डिजाइन किए जा रहे हैं और इन्हें पसंद भी किया जा रहा है। इसके साथ ही इन्हें पहनते या उतारते समय थोड़ी सी सावधानी बरतें ,ताकि ये आभूषण मुड़े या टूटें नहीं।
रंगहीन होने से ऐसे बचाएं
इन गहनों को ऐसी जगह सुरक्षित रखें, जहां नमी न हो। नमी के कारण गहने खराब हो सकते हैं। आप इन्हें किसी साफ और सूखे डिब्बे या जिपलॉक प्लास्टिक बैग में भी रख सकती हैं।
डियो या परफ्यूम का प्रयोग करने के कारण भी इन गहनों का रंग हल्का हो सकता है। इसलिए शरीर पर डियो या परफ्यूम लगाने से पहले ये आभूषण न पहनें।
इन आभूषणों को हमेशा सूती और बहुत मुलायम कपड़े से साफ करें।
बहुत आकर्षक लगते हैं ये गहने
एवरस्टाइलिश के सीईओ गुनीत सिंह कहते हैं कि ऑक्सीडाइज्ड जूलरी में पारंपरिक मोटिफ्स को नए डिजाइन के साथ मिलाया जा रहा है। इसमें आदिवासी और जनजातीय कला से प्रेरित बोल्ड पैटर्न, लेयर्ड नेकलेस, कान के बड़े झुमके और स्टेटमेंट रिंग पसंद की जा रही हैं। इसके रंगीन एक्सेंट्स जैसे सेमी प्रेशियस स्टोन या एनामेलिंग, क्लासिक सिल्वर फिनिश में एक आधुनिक टच लाते हैं। बोहेमियन और इंडो-वेस्टर्न स्टाइल जैसे ट्यूनिक, पलाजो या मैक्सी ड्रेस पर ये गहने खूब फबते हैं।
जींस और सफेद शर्ट जैसे आउटफिट के साथ भी चंकी ऑक्सीडाइज्ड नेकलेस या ईयररिंग्स पहने जा सकते हैं। ऑक्सीडाइज्ड धातु को ग्लास, बीड्स या रंगीन एनामेल के साथ मिलाकर टेक्सचर्ड लेयर से 3D लुक देते हैं। उचित देखभाल से ये गहने वर्षों तक चल सकते हैं और इनकी डार्क फिनिशिंग लंबे समय तक बनी रहती है। हालांकि नमी, केमिकल या ज्यादा धूप से इनका रंग बदल सकता है। हम कई साल से ये गहने बना रहे हैं। इस त्योहारी सीजन में ये गहने अपनी जूलरी बाक्स में शामिल करना न भूलें। गिफ्ट के लिए भी ये एक बेहतर विकल्प हैं।