डेढ़ साल में पहली बार एक साथ बैठे मैतेयी और कुकी विधायक
मई 2023 में मणिपुर में नस्लीय हिंसा शुरू होने के बाद पहली बार राज्य के मैतेयी और कुकी विधायक एक साथ बैठे। मणिपुर में स्थायी शांति की तलाश की दिशा में इसे काफी अहम माना जा रहा है। दिल्ली में हुई बैठक में केद्रीय गृह मंत्रालय के वार्ताकार एक मिश्रा के साथ-साथ भाजपा के पूर्वोत्तर के प्रभारी संबित पात्रा भी मौजूद थे।
नगा विधायक भी रहे मौजूद
कुकी और मैतेयी के साथ-साथ मणिपुर के नगा विधायकों ने भी हिस्सा लिया और राज्य में शांति की अपील की। मैतेयी, कुकी और नगा विधायकों की एक-साथ बैठक से उत्साहित गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से कुकी और मैतेयी समुदाय को बातचीत के टेबल पर एक साथ लाने की कोशिश चल रही थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।
गृहमंत्रालय की पहल पर हुई बैठक
कुकी और मैतेयी के सभी प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग अपनी बात रखते थे। राज्य में कुल 10 कुकी विधायक हैं, जिनमें सात भाजपा के है और दो राज्य मंत्रिमंडल में भी है। हिंसा शुरू होने के बाद राज्य विधानसभा के तीन सत्र हो चुके हैं। लेकिन इन कुकी विधायकों ने किसी में भी हिस्सा नहीं लिया और न ही कुकी मंत्रियों ने सरकार की बैठकों में हिस्सा लिया था।
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पहली बार हुई बैठक में पिछले कई दशकों से नस्ली हिंसा के शिकार रहे मणिपुर में स्थायी शांति का रास्ता खोजने पर जोर दिया गया। कुकियों की ओर से मणिपुर से अलग स्वायत्त क्षेत्र बनाने की मांग की जा रही है, जबकि मैतेयी राज्य के बंटवारे के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि अब दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों को आपस में बिठाकर स्थायी शांति का मार्ग तलाशने के लिए बातचीत शुरू हो सकेगी।
हिंसा में अब तक 200 की मौत
मणिपुर में मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। नगा समुदाय की ओर से तीन विधायक अवांगबोउ न्यूमाई, एल. दीको और राम मुइवा बैठक में शामिल होंगे। मुइवा अभी एक निजी मामले को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद हैं। ये तीनों विधायक राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के सदस्य हैं।
शांति के तरीकों पर करेंगे विचार: न्यूमाई
अवांगबोउ न्यूमाई ने इंफाल हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि हमें कुछ चीजों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली आने के लिए कहा गया है। मुझे अभी सटीक एजेंडा नहीं पता है। हम शांति लाने के सभी तरीकों पर विचार कर रहे हैं। एल. दिको ने कहा कि जब तक सभी समुदाय और लोग शामिल नहीं होंगे, मणिपुर में शांति लाना मुश्किल है।