ITR भरने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल में बड़ा बदलाव
नकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। टैक्सपेयर्स के लिए इसे और भी अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए आयकर विभाग जल्द ही नया ITR ई-फाइलिंग पोर्टल IEC 3.0 लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है।
IEC 3.0 की विशेषताएं:
नया पोर्टल मौजूदा IEC 2.0 की जगह लेगा और टैक्सपेयर्स को बेहतर और तेज सेवाएं प्रदान करेगा। IEC 3.0 के अंतर्गत प्रोसेसिंग सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा ताकि टैक्सपेयर्स को रिफंड जल्दी प्राप्त हो सके और प्रोसेसिंग की गति बढ़े।
IEC प्रोजेक्ट क्या है?
IEC (इंटीग्रेटेड ई-फाइलिंग और सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर) एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो टैक्सपेयर्स को ITR फाइल करने, नियमित फॉर्म भरने, और अन्य टैक्स सेवाओं का उपयोग करने की सुविधा देता है। IEC 3.0 का उद्देश्य इन सभी सेवाओं को और अधिक तेज और प्रभावी बनाना है, ताकि ITR प्रोसेसिंग में तेजी आए और कमियां दूर की जा सकें।
क्या होंगे नए बदलाव?
IEC 3.0 के तहत नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे प्रोसेसिंग का समय घटेगा और टैक्सपेयर्स को जल्द से जल्द रिफंड मिल सकेगा। इसके अलावा, यह पोर्टल मौजूदा सिस्टम में आई समस्याओं और शिकायतों को भी कम करेगा। इसके तहत ITBA (Income Tax Business Application) की मदद से फाइल किए गए ITR को प्रोसेस किया जाएगा। साथ ही, इसमें एक बैंक ऑफिस (BO) पोर्टल भी होगा, जिससे फील्ड अधिकारी टैक्स फाइलिंग और प्रोसेसिंग डेटा को आसानी से एक्सेस कर सकेंगे।
विवाद से विश्वास योजना 2024:
इनकम टैक्स विभाग ने हाल ही में “विवाद से विश्वास” योजना पर गाइडेंस नोट जारी किया है। इस योजना का लाभ वे टैक्सपेयर्स उठा सकते हैं, जिनके टैक्स विवाद 22 जुलाई 2024 तक सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, या इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल में लंबित हैं। यदि टैक्सपेयर्स 31 दिसंबर 2024 तक विवाद का निपटारा करते हैं, तो उन्हें केवल विवादित टैक्स का भुगतान करना होगा, जबकि ब्याज और पेनल्टी माफ कर दी जाएगी।
क्यों जरूरी है अपग्रेड?
ITR ई-फाइलिंग पोर्टल में अक्सर तकनीकी समस्याएं देखने को मिलती हैं, खासकर फाइलिंग के समय। इसलिए पोर्टल को अपग्रेड करना न केवल समस्याओं को रोकने के लिए जरूरी है, बल्कि इससे मुकदमेबाजी से भी बचा जा सकेगा।
सूरत के CAAS अध्यक्ष हार्दिक के अनुसार, कोई भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म त्योहारी सीजन में क्रैश नहीं होता, जबकि ITR ई-फाइलिंग पोर्टल में समस्याएं आती रहती हैं। अगर समय पर इसे अपग्रेड किया जाता है, तो इन मुश्किलों से बचा जा सकता है और टैक्सपेयर्स को एक बेहतर अनुभव प्रदान किया जा सकता है।