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कानपुर शहर में पहली बार सारंग एयरोबेटिक डिस्प्ले टीम हैरतअंगेज कारनामों का प्रदर्शन किया। शनिवार को चकेरी स्थित वायु सेना स्टेशन पर एयरशो का आयोजन किया जा रहा है। इसमें एचएएल निर्मित पांच ध्रुव हेलीकॉप्टर के जरिए वायुसेना के जांबाजों ने डॉल्फिन लीप, डबल एरो क्रॉस, सारंग स्प्लिट, क्रॉस ओवर ब्रेक बनाए।

एक साल पहले 24 नवंबर को एक बेस रिपेयर डिपो बीआरडी के प्लैटिनम जुबली समारोह में आकाश गंगा की टीम ने आकाश से लेकर जमीन तक कारनामों का प्रदर्शन किया था। भारतीय वायु सेना की सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम वायु सेना की 92वीं वर्षगांठ समारोह के हिस्से के रूप में कानपुर वायु सेना स्टेशन में प्रदर्शन किया।

एयर शो में एयर कमोडोर एमके प्रवीण वीएम एयर ऑफिसर कमांडिंग, वायु सेना स्टेशन कानपुर के साथ-साथ भारतीय वायुसेना के अधिकारी और रक्षा बल शामिल हुए। बताया गया कि 2003 में स्थापित सारंग टीम भारतीय वायु सेना के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य करती है। सारंग टीम दुनिया की एकमात्र सैन्य प्रदर्शन टीम है, जो पांच हेलीकॉप्टरों का उपयोग करती है।

386 से अधिक स्थानों पर 1,200 से अधिक प्रदर्शन
टीम ने स्वदेशी रूप से विकसित एचएएल ध्रुव हेलीकॉप्टर का प्रदर्शन करते हुए भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 386 से अधिक स्थानों पर 1,200 से अधिक प्रदर्शन किए हैं। टीम कानपुर के युवाओं को प्रेरित करने और उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों में करियर चुनने के लिए प्रोत्साहित करने के अपने मिशन को कायम रखते हुए वायु सेना स्टेशन कानपुर के हवाई क्षेत्र में प्रदर्शन कर रही है।

एचएएल ध्रुव की खासियत
यह परंपरागत डिज़ाइन का हल्का हेलीकॉप्टर है। यह भारी एमआई-17 की तुलना में ज्यादा ऊंचाई वाले हेलीपैड से ज्यादा लोगों को ले जा सकता है। यह वहां उतर सकता है। जहां हल्का बेल 407 नहीं उतर सकता है। इसमें हथियार प्रणाली एकीकृत संस्करण प्रणाली लगी है। 12.7 मिमी के गोलों के खिलाफ कवच सुरक्षा भी। इसमें सबसे आगे 20 मिमी की बुर्ज गन लगी है। रॉकेट लांचर से लैस हेलीकॉप्टर में हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, और हवा से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइल के साथ ही दिन और रात दोनों में लक्ष्यों को भेदने की ताकत हैं।

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