बेंगलुरु इमारत हादसे में सात और शव बरामद, मालिक और ठेकेदार हिरासत में
कर्नाटक में बेंगलुरु के बाबूसापल्या में एक निर्माणाधीन इमारत ढह जाने के बाद तलाशी तथा बचाव अभियान के दौरान सात और लोगों के शव बरामद किए गए। इसके साथ ही हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या अब बढ़कर आठ हो गई है। भारी बारिश की वजह से बेंगलुरु में मंगलवार की शाम सात मंजिला इमारत के ढहने से इसके मलबे में कई लोग फंस गए थे। इस घटना में अभी तक छह लोग गंभीर रूप से घायल भी हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इमारत के मालिक भुवन रेड्डी और ठेकेदार मुनियप्पा को हिरासत में ले लिया गया है। अधिकारी ने कहा कि केवल चार मंजिल के निर्माण की ही अनुमति दी गई थी लेकिन सात मंजिल का निर्माण किया गया। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हादसा बारिश के कारण नहीं बल्कि अवैध और घटिया निर्माण कार्य के कारण हुई है। जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
बुधवार को स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहे
भारी बारिश के मद्देनजर बुधवार को स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहे। बेंगलुरु महानगर पालिका ने बारिश के कारण केंद्रीय विहार अपार्टमेंट परिसर में पानी भर जाने के बाद इसे अगले सात दिनों के लिए सील करने का फैसला किया है।
सहायता राशि की घोषणा
पीएमओ ने एक्स पर लिखा कि बेंगलुरु में इमारत ढहने से हुई मौतों से दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। हम प्रार्थना करते हैं कि घायल लोग जल्द ही ठीक हो जाएं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
बेंगलुरु में पिछले तीन दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। ऐसे में कई इलाकों में बाढ़ आ जाने के कारण मंगलवार को राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की पांच टीम और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को शहर में फंसे लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया है।
बचावकर्मियों ने नौका की मदद से लोगों को निकाला बाहर
इस बीच उत्तर बेंगलुरु को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है क्योंकि यलहंका में और आसपास के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। यलहंका के केंद्रीय विहार में कमर तक पूरा पानी भरा हुआ है। बता दें कि मदद के लिए बचावकर्मियों जुटे हैं, बचावकर्मियों ने लोगों को नौका की मदद से बाहर निकाला। जगह जगह जलजमाव के कारण उत्तर बेंगलुरु में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसे में लोग कम ही घर से बाहर निकल रहे हैं, कई यात्रियों की उड़ान, ट्रेन और बसें छूट गईं। जलजमाव वाले इलाकों में बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।