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दिल्ली में फूल बाजार गुलजार: गाजीपुर मंडी में देसी गुलाब की सबसे अधिक मांग

दीपोत्सव में अब कुछ ही दिन का इंतजार बाकी है। ऐसे में सभी बाजारों में रौनक नजर आने लगी है। इसके साथ ही फूल बाजार भी तेजी से गुलजार हो रहे हैं। खेतों से लेकर मंडी तक फूलों की खुशबू लोगों को संकेत दे रही है कि इस बार फूलों का कारोबार बेहतर स्थिति में होगा। तेजी से आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित हो रहे मिलेनियम सिटी गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा के कस्बों और पलवल के कई क्षेत्रों में हो रही फूलों की खेती इस साल किसानों की दिवाली में चार चांद लगा सकती है। किसानों को भी इस बार दिवाली पर जबरदस्त फूलों का कारोबार होने की उम्मीद है। ग्रेटर नोएडा के दनकौर में जमीनों के अधिग्रहण के चलते खेती की जगह लोग फूलों का व्यापार करने लगे हैं। दिवाली पर गेंदे सहित अन्य फूलों की मांग को देखते हुए फूल व्यापारी भी पूरी तरह तैयार हैं।

कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का जरिया बन रही फूलों की खेती
उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हरियाणा के पलवल जिले में परंपरागत खेती के स्थान पर फूलों की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। फूलों की खेती कर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। जिले में करीब 500 एकड़ में फूलों की खेती की जा रही है। यहां मुख्य रूप से रजनीगंधा, गेंदा, गुलाब, गुलदावरी के अलावा विदेशी किस्म स्टॉक, लिलियम, ब्रासिका फीदर किंग, फिदर क्वीन, कैल, ग्लेडिरियस, ब्लूडेजी सहित अन्य किस्में उगाई जाती हैं। किसानों की माने तो फूलों की खेती में 80 हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक प्रति एकड़ मुनाफा हो रहा है। पलवल जिले में फूलों की 20 से ज्यादा किस्में उगाई जाती हैं। कई किसान विदेशी किस्म उगाकर सालाना 25 से 30 लाख रुपये कमा रहे हैं।

6,400 से लेकर 24 हजार रुपये तक दिया जाता है अनुदान
पलवल के जिला बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि किसानों को फूलों की खेती करने पर 6400 रुपये लेकर 24 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाता है। अभी फूलों की खेती करने वाले 30 से ज्यादा किसानों ने अनुदान के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर आवेदन किया है। जांच के बाद किसानों के खाते में अनुदान राशि का भुगतान किया जाता है।

बिलासपुर में 90 बीघा क्षेत्र में हो रही फूलों की खेती
ग्रेटर नोएडा के ही बिलासपुर के कुछ किसान अधिकांश गेंदे के फूल की पैदावार करते हैं। मनसुख, सोनू, राजीव, विनोद, मुकेश, सतवीर काफी लंबे समय से गेंदे के फूलों की खेती करके अजीविका अर्जित कर रहे हैं। परिवार के लोग फूल तोड़ने में मदद करते हैं। वह यहां विभिन्न प्रकार के गेंदे की किस्मों को उगाते हैं। इनमें जाफरी, हजारी, कोलकाता व देसी शामिल हैं। बिलासपुर क्षेत्र में लगभग 80 से 90 बीघा फूलों की खेती की जाती रही है। हालांकि इस बार अत्यधिक बारिश होने के कारण लगभग आधी फसल खराब हो गई ।

थाईलैंड से आते हैं सबसे अधिक फूल
गाजीपुर फूल मंडी में कारोबारी बताते हैं कि यहां 100 से अधिक प्रकार के देसी-विदेशी फूल बिकने के लिए आते हैं। सबसे ज्यादा फूल थाईलैंड से आता है। इनमें डेजी, बंकासिया, पिनकुशन, सिम्बिडियम ऑर्किड फूल शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका से हाइड्रेंजिया और जर्मनी से पियोनी काफी मात्रा में आता है। वहीं, हॉलैंड से ट्यूलिप, सैलिक्स की खेप आती है। साथ ही, आईरिस, गेरबेरा, मेरीगोल्ड, लिली, कमल और सूरजमुखी की विदेशी किस्में शामिल हैं, जिन्हें थाईलैंड, हॉलैंड, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड से आयात किया जाता है। वहीं, देश में से हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और उत्तर प्रदेश से फूल ज्यादा आता है।

हिमाचल के गुलाब की मांग ज्यादा कीमतों में भी उछाल
गाजीपुर फूल मंडी में सबसे अधिक मांग हिमाचल के गुलाब और उत्तर प्रदेश के गेंदे के फूल की है। लिली और सूरजमुखी के फूल की भी मांग बढ़ी है। इसके अलावा सजावट में इस्तेमाल होने वाले पत्ते भी बिक रहे हैं। फूलों की मांग को बढ़ता देख इनकी कीमत में उछाल आया है। बीते तीन दिन में ही हर फूल की कीमत पर 30 से 50 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। यह चहल-पहल भरा बाजार खूबसूरत बहुरंगी फूलों से भरा है। रोजाना बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने आ रहे हैं। गाजीपुर फूल मंडी के एक कारोबारी ने बताया कि दिवाली करीब होने के चलते सबसे ज्यादा मांग गेंदे के फूल की है। लेकिन, ज्यादा माल आने की वजह से फूल सस्ता बिक रहा है। गेंदा का फूल 50 से 70 रुपये प्रति किलो मिल रहा है, साथ ही गेंदे के फूल की माला 270 से 320 रुपये प्रति कौड़ी (20 माला) बिक रही है। कारोबारी कहते हैं कि कुछ दिन पहले इनकी कीमत 20 से 30 रुपये कम थी।

फूलों की खेती से जुड़े हैं एनसीआर के किसान
गुरुग्राम में पटौदी व फर्रुखनगर के जनौला, भोडाकलां, गदाईपुर, मुसेपुर आदि गांवों के किसान गेंदे की खेतीबाड़ी करते आ रहे हैं। इन गांवों की जमीन पर उगे फूल दिल्ली की महरौली, खारी बावली और गाजीपुर मंडी में जाते हैं। जनौला निवासी किसान हरीश कुमार ने बताया कि उनके परिवार को गेंदा के फूलों की खेती करते हुए लगभग 20 साल हो गए हैं। उनका कहना है कि किसानों से ज्यादा मुनाफा मंडियों के बड़े कारोबारियों और फुटकर दुकानदारों को होता है। वहीं, ग्रेटर नोएडा के रबुपुरा, दादरी, दनकौर, बिलासपुर के किसानों का कहना है कि मंडी में 25 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकता है।

व्यापारी बोले, खिल उठा फूल का बाजार
गाजीपुर पुष्प विपणन समिति के सदस्य तेज सिंह का कहना है कि दीपोत्सव पर देसी फूलों की मांग सबसे अधिक है। देश-विदेश से मंडी में फूल पहुंच रहे हैं, लेकिन गेंदा और देसी गुलाब की किस्में अभी लोगों की पसंदीदा बनी हैं। फूलों की मांग तेजी से बढ़ी है। कई व्यापारियों ने दीपावली के लिए थोक का ऑर्डर लेना बंद कर दिया है।

गाजीपुर फूल मंडी में फूलों की कीमत

गुलाब पत्ती100 रुपये प्रति किलो
देसी गुलाब60 से 70 रुपये प्रति किलो
गुलदाउदी पत्ती180 रुपये प्रति किलो
गेंदा50 से 70 रुपये प्रति किलो
लिली  60 से 80 रुपये प्रति किलो

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