उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बृहस्पतिवार को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक की अध्यक्षता की। इसमें मुख्यमंत्री आतिशी, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, मुख्य सचिव और डीडीएमए के वरिष्ठ अधिकारी व अन्य उपस्थित रहे।
बैठक में एलजी ने शहर में वायु प्रदूषण के आंतरिक स्रोतों को कम करने का निर्देश दिया। साथ ही, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन सहित अन्य से होने वाले प्रदूषण के लिए भी दीर्घकालिक समाधान की बात कही। इससे पहले एलजी ने एमसीडी और डीडीए को निर्देश दिया था कि वे धूल पैदा करने वाले सीएंडडी कचरे, सूखी हुई गाद को इकट्ठा करने और सड़क की धूल को साफ करने का काम मिशन मोड में शुरू करें। इसके परिणाम बेहतर मिले। एमआरएस ट्रकों की ओर से सड़कों की सफाई व धुलाई के साथ-साथ ऊंची इमारतों पर घूमने वाली स्मॉग-गन लगाने का काम भी शुरू किया गया है। अभी तक शहर में 160 ऊंची इमारतों पर ऐसी स्मॉग-गन के साथ लगभग 300 एमआरएस ट्रक काम कर रहे हैं।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पूर्वी और पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेसवे के माध्यम से वैकल्पिक मार्ग होने के बावजूद वाहन शहर में प्रवेश कर रहे हैं और इसे रोकने के लिए प्रवर्तन की आवश्यकता है। इसी तरह कचरा जलाने और पीयूसी के अनुपालन के संबंध में सख्त प्रवर्तन का मुद्दा भी चर्चा में आया और ऐसे प्रवर्तन के लिए जनशक्ति की कमी को उजागर किया गया।
बैठक में डीपीसीसी ने आने वाले महीनों में वायु गुणवत्ता का एक गंभीर पूर्वानुमान प्रस्तुत किया। बैठक में पर्याप्त प्रवर्तन तंत्र की कमी के बारे में बताया गया। इसके अलावा मार्शलों को चार माह के लिए बुलाने का फैसला लिया गया। इन्हें जिला मजिस्ट्रेट की देखरेख में पीयूसी केंद्रों, हॉटस्पॉट्स, डीपीसीसी, संबंधित विभागों और शहरी स्थानीय निकायों में तैनाती की जाएगी।