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नमामि गंगे के तहत देश भर में शुरू की गईं कई अहम परियोजनाएं

2014 में नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों की तस्वीर बदलने के लिए शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत, प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों जैसे कि नगरपालिका सीवेज, औद्योगिक कचरा, नगरपालिका ठोस कचरा, प्रदूषण के गैर-बिंदु स्रोतों से निपटने के लिए किया गया है। नमामि गंगे परियोजना के तहत देश भर में करोड़ों रुपये की परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

हरिद्वार के चंडी घाट पर चार नवंबर से गंगा उत्सव 2024 शुरू हो गया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत यह आयोजित यह उत्सव गंगा नदी के संरक्षण की दास्तां बयां करेगा। गंगा नदी की सफाई को लेकर खूब कवायदें की गई हैं जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 2014 में शुरू की गई नमामि गंगे परियोजना अहम है। नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों की तस्वीर बदलने के लिए शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत, प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों जैसे कि नगरपालिका सीवेज, औद्योगिक कचरा, नगरपालिका ठोस कचरा, प्रदूषण के गैर-बिंदु स्रोतों से निपटने के लिए किया गया है।

इसके साथ ही नदियों के प्रवाह में सुधार, जैव विविधता संरक्षण, वनीकरण, नदी के किनारों पर सुविधाओं और स्वच्छता में सुधार, क्षमता निर्माण, अनुसंधान और निगरानी, जन जागरूकता आदि के लिए गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों की तस्वीर बदलना भी इसका उद्देश्य है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

2023-24 में इन परियोजनाओं का लोकार्पण
नमामि गंगे परियोजना के तहत कानपुर और उन्नाव में 30 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री ने 1672.43 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इसमें नए सीवेज उपचार संयंत्र (STPS), सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र (CETP) और पुनर्वासित एसटीपी अवसंरचना को विकसित किाया जाना था।

2018 में उत्तर प्रदेश में गंगा सफाई के लिए दी गई मंजूरी
245.53 करोड़ रुपये की लागत से पंखा में 1 एसटीपी को स्वीकृति दी गई। जिससे (30 मिलियन लीटर प्रतिदिन) (MLD) कचरे का निपटारा किया जाना था।

721.7 करोड़ रुपये की लागत से जाजमऊ जोन में 130 एमएलडी एसटीपी का जीर्णोद्धार और संचालन एवं रख-रखाव की स्वीकृति दी गई थी।
617 करोड़ रुपये की लागत से जाजमऊ, कानपुर में टेनरी क्लस्टर के लिए 20 एमएलडी क्षमता, 24.4 किलोमीटर का नेटवर्क और 0.5 किलोमीटर ट्रेंचलेस एनएच क्रॉसिंग के लिए 3 सीईटीपी की स्वीकृति दी गई थी। इससे जाजमऊ क्षेत्र और वर्तमान में 50% क्षमता पर चल रही 400 से अधिक चमड़ा टेनरियों को लाभ मिलेना था।

28 जुलाई 2018 को 102.20 रुपये की लागत से 15 एमएलडी एसटीपी को स्वीकृति दी गई थी। जिससे उन्नाव में नालों को रोकना और मोड़ना तथा सीवेज उपचार कार्य के लिए होना था। जिसका संचालन एवं रख-रखाव 15 वर्षों की अवधि के लिए होगा। इन परियोजनाओं की आधारशिला 8 मार्च, 2019 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा रखी गई थी।

मुरादाबाद और मथुरा में 790.5 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण
25 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री द्वारा मुरादाबाद और मथुरा में 790.5 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। मसानी, मथुरा में 30 एमएलडी, एसटीपी, ट्रांस यमुना में मौजूदा 30.5 एमएलडी एसटीपी का जीर्णोद्धार किया जाना था।

मसानी में 6.8 एमएलडी एसटीपी; आईओसीएल रिफाइनरी, मथुरा को उपचारित जल की आपूर्ति के लिए एक नया 20 एमएलडी टीटीआरओ संयंत्र को मंजूरी दी गई थी।

67.3 एमएलडी की कुल क्षमता वाली इस परियोजना को 460.45 करोड़ रुपये को मंजूरी मिली था।

मुरादाबाद में 58 एमएलडी एसटीपी और 9 एसपीएस और 264.25 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क के साथ सीवरेज प्रणाली डीबीओटी परियोजना रामगंगा नदी पर है जिसकी स्वीकृत लागत 330.05 करोड़ रुपये है।

जल शक्ति मंत्री द्वारा इन नमामि गंगे परियोजनाओं का लोकार्पण
जल शक्ति मंत्री द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में एनएमसीजी परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। बागपत टाउन में इंटरसेप्शन एंड डायवर्सन और एसटीपी (14 एमएलडी) परियोजना का लोकार्पण जल शक्ति मंत्री द्वारा 04 जनवरी 2024 को किया गया। गंगा नदी के प्रदूषण निवारण के लिए इसे 77.36 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत किया गया था।

18 जनवरी 2024 को मेरठ टाउन में 220 एमएलडी क्षमता वाली परियोजना आईएंडडी और एसटीपी के लिए जल शक्ति मंत्री द्वारा आधारशिला रखी गई। परियोजना की स्वीकृत लागत 690.71 करोड़ रुपये थी।

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