मल्टीबैगर रिटर्न देने वाली रेलवे कंपनी का मुनाफा घटा
एक नवरत्न कंपनी है। नवरत्न कंपनियों को सरकार से अनुमति लिए बगैर 1 हजार करोड़ रुपये तक निवेश करने आजादी होती है। इसने बीते 9 महीने में निवेशकों का पैसा चार गुना कर दिया था। हालांकि कंपनी के तिमाही नतीजे बेहद खराब आए हैं जिसके बाद RVNL के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है।
रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने पिछले एक साल के दौरान निवेशकों को जोरदार रिटर्न दिया है। इसने बीते 9 महीने में निवेशकों का पैसा चार गुना कर दिया। लेकिन, आज RVNL के शेयर 7 फीसदी तक गिर गए। इसकी वजह रेलवे कंपनी का कमजोर तिमाही नतीजा है। इसका मुनाफे में भारी भारी कमी आई है। RVNL के शेयर दोपहर 12.30 बजे तक 5.43 फीसदी की गिरावट के साथ 451.90 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।
27 फीसदी गिरा RVNL का मुनाफा
RVNL का सितंबर तिमाही में शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 27 फीसदी गिरकर 287 करोड़ रुपये पर आ गया। रेवेन्यू में भी मामूली गिरावट आई है और यह 4,855 करोड़ रुपये रहा। ऑपरेशनल लेवल का कंपनी का EBITDA 9 फीसदी गिरकर 271.5 करोड़ रुपये पर आ गया। वहीं, EBITDA मार्जिन भी 0.40 फीसदी घटकर 5.6 फीसदी रहा।
कमजोर नतीजों का था अनुमान
एनालिस्ट ने पहले अनुमान जताया था कि RVNL के तिमाही नतीजे कमजोर रहेंगे। दरअसल, RVNL के पास ऑर्डर की भरमार है। उसने पिछले कुछ दिनों में भी कई बड़े ऑर्डर जीते हैं। लेकिन, उसके प्रोजेक्ट पूरा करने की रफ्तार काफी सुस्त है। इसका नकारात्मक असर उसके वित्तीय प्रदर्शन पर पड़ रहा है।
क्या करती है RVNL
RVNL एक नवरत्न कंपनी है। नवरत्न कंपनियों को सरकार से अनुमति लिए बगैर 1 हजार करोड़ रुपये तक निवेश करने आजादी होती है। RVNL रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करती है। इसके ग्राहकों की बात करें, तो इस लिस्ट में रेलवे के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों के कई अन्य मंत्रालय, विभाग और सरकारी कंपनियां शामिल हैं।
RVNL के शेयरों का हाल?
RVNL के शेयरों ने निवेशकों को शानदार मुनाफा दिया है। पिछले साल 10 नवंबर 2023 को RVNL के शेयर 155.45 रुपये पर थे। यह इसका एक साल का निचला स्तर है। यहां से 9 महीने में यह 316 फीसदी उछलकर 15 जुलाई 2024 को 647.00 रुपये के भाव पर पहुंच गया था, जो इसका रिकॉर्ड हाई है।
हालांकि, RVNL के शेयरों में तेजी का सिलसिला यहीं थम गया। 647 का हाई बनाने के बाद RVNL के शेयर करीब 30 फीसदी तक गिर गए हैं। पिछले एक महीने के दौरान इसमें 7 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। वहीं 6 महीनों के दौरान इसमें करीब 70 फीसदी का उछाल दिखा है।