बरेली मंडल में सीजन का पहला घना कोहरा, धीमी हुई वाहनों की रफ्तार
सर्दी ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। अमूमन दिसंबर में घना कोहरा होता है, लेकिन इस बार नवंबर के दूसरे सप्ताह से ही घना कोहरा छाने लगा है। बुधवार को सुबह पूरा रुहेलखंड कोहरे की चादर से लिपटा रहा।
रुहेलखंड में कोहरे ने दस्तक दे दी है। बरेली समेत मंडल के चारों जिलों में बुधवार को सीजन का पहला घना कोहरा छाया रहा, जिसका असर यातायात पर देखने को मिला। बुधवार तड़के चार बजे से कोहरा छाने लगा। जब लोगों की नींद खुली तो बाहर घना कोहरा देखने को मिला। बरेली में दृश्यता 30 से 40 मीटर तक सीमित रही, जिससे वाहनों की रफ्तार कम हो गई। वाहन चालकों को लाइट जलाकर चलाना पड़ा। शहर में कोहरे का असर सुबह नौ बजे तक बना रहा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 10 बजे के बाद तक कोहरा बना रहा। वहीं पछुआ हवा चलने से ठंड बढ़ गई है। सर्दी से बचाव के लिए लोग गर्म कपड़े पहनने लगे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक आगामी दिनों में सुबह के वक्त घना कोहरा छा सकता है।
बरेली में बुधवार सुबह शहर से लेकर देहात तक घना कोहरा छाया रहा। मीरगंज क्षेत्र में सुबह सवा आठ बजे तक घने कोहरे की वजह 50 कदम दूर का दिखाई नहीं पड़ रहा था। जिले में अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री रहा। बृहस्पतिवार को भी घना कोहरा छाने की संभावना जताई गई है।
बदायूं में मंगलवार देर रात से कोहरा छाने की वजह से वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। हाईवे पर वाहन रेंगते नजर आए। बुधवार सुबह कोहरा और घना हो गया। बदायूं-मुरादाबाद, बरेली-मथुरा, बदायूं-दिल्ली व बदायूं-मेरठ हाईवे पर वाहन चालक वाहनों को धीमी रफ्तार से चलाते नजर आए। कोहरे का असर जिलेभर में देखने को मिला।
शाहजहांपुर में घने कोहरे की वजह से पुवायां-खुटार हाईवे पर चालकों को वाहनों की लाइट जलाकर चलना पड़ा। शहर में थोड़े समय धुंध और कोहरा छाया रहा, लेकिन सुबह साढ़े सात बजे के आसपास धूप निकलने से छंटने लगा। पछुआ हवा चलने से लगातार तापमान में गिरावट आई। मंगलवार रात न्यूनतम तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पीलीभीत जनपद में भी मौसम में बदलाव हुआ है। बुधवार सुबह पूरा तराई क्षेत्र घने कोहरे की चादर से ढक गया। कोहरे के बीच स्टेडियम में लोग दौड़ लगाते नजर आए। शहर में सुबह 8:30 बजे तक कोहरे का असर कम नहीं हुआ था।