महासभा के सरंक्षक कुलदीप बिश्नोई की ओर से जारी एक पत्र कहा कि देवेंद्र बुडिया द्वारा पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में तथ्यहीन, झूठी व समाज को बांटने वाली बातें कहीं जा रही है। जिससे समाज में बिखराव टकराव की संभावनाएं नजर आ रही हैं।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में चल रहे विवाद में महासभा के सरंक्षक कुलदीप बिश्नोई ने राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया को पद से हटा दिया। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कुलदीप बिश्नोई को सरंक्षक के पद से हटा दिया। कुलदीप बिश्नोई को पद से हटाने को लेकर देवेंद्र बुडिया ने उनके बेटे के अंतर जातीय विवाह को आधार बनाया है। फिलहाल सोशल मीडिया पर दोनों लेटर वायरल हो रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई खुद कोई बयान नहीं दे रहे। उनकी ओर से नलवा विधायक रणधीर पनिहार सोशल मीडिया पर वायरल दे रहे हैं।
बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने सोमवार को सोशल मीडिया पर आकर कहा कि नलवा के विधायक रणधीर पनिहार ने उनके साथ मारपीट की है। देवेंद्र बुडिया के दूसरे वीडियो में उन्होंने पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई पर 10 करोड़ रुपये चंदा मांगने का आरोप लगाया। उन पर अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने राजस्थान में समाज के लोगों के साथ एक बैठक में आकर कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद उनके तथा महासभा सरंक्षक कुलदीप बिश्नोई के बीच खटपट चल रही है। उसके पीछे कारण यह था कि सरंक्षक ने मुझे विधानसभा चुनाव में 10 करोड़ रुपये चंदा एकत्र करने को कहा। जिसको मैं पूरा नहीं कर सका। मैंने भव्य बिश्नोई को जिताने के लिए पूरा प्रयास किया। घर घर जाकर वोट मांगे। मेरी फेसबुक पर भी फोटो हैं। चार दिन पहले मुझे अपने पीए से फोन कर दिल्ली बुलाया। दो दिन से मुझे रणधीर पनिहार बुला रहे थे। मैं दिल्ली-गुरुग्राम पहुंचा तो वहां मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया।
सारी घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड है। बिश्नोई समाज के संत लालदास ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ इस तरह का व्यवहार किसी तरह से सहन नहीं किया जाएगा। ऐसा करने वालों को सख्ती से जवाब दिया जाएगा। यह कुलदीप बिश्नोई के ईशारे पर किया गया है। कुलदीप बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया से करोड़ों रुपये की डिमांड कर रहा है। वह नहीं दे पाया तो उसे पद से हटाया जा रहा है। रणधीर पनिहार नाम के किसी व्यक्ति ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बुरा व्यवहार किया, यह घटना निंदनीय है। यह घटना कुलदीप बिश्नोई ने कराई है। मैं बिश्नोई महासभा से अनुरोध करना चाहता हूं कि समाज को एकजुट होकर इस बारे में कठोर फैसला लेना चाहिए।
नलवा के विधायक के अनुसार
यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। मेरा किसी के साथ कोई विवा नहीं। न ही इस तरह की कोई घटना हुई। यह पूरी तरह से झूठी व काल्पनिक घटना है। -रणधीर पनिहार , विधायक , नलवा।
कुलदीप बिश्नोई ने जारी किया पत्र
महासभा के सरंक्षक कुलदीप बिश्नोई की ओर से जारी एक पत्र कहा कि देवेंद्र बुडिया द्वारा पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में तथ्यहीन, झूठी व समाज को बांटने वाली बातें कहीं जा रही है। जिससे समाज में बिखराव टकराव की संभावनाएं नजर आ रही हैं। मेरे पास निजी तौर पर साधु संतों, पदाधिकारियों व राजनीतिक व्यक्तियों की काफी शिकायतें आ रही हैं। निर्माण कार्य में टेंडर प्रक्रियाओं का भी पालन नहीं किया गया। महासभा का संरक्षक होने के नाते मैं तुरंत प्रभाव से देवेंद्र बुडिया को पदमुक्त करता हूं। एक पांच सदस्यीय कमेटी का सुभाष देहड़ू की अध्यक्षता की में गठन करता हूूं। जो मामले में जांच कर सारे तथ्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। तब महासभा के दैनिक कार्याें को सुचारु चलाने के लिए परसाराम बिश्नोई को अगले चुनाव तक प्रधान नियुक्त करता हूं।
संपूर्ण बिश्नोई समाज में भारी रोष
देवेंद्र बुडिया की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि आप महासभा के सरंक्षक पद पर है। यह सम्मानित पद है। ऐसे पद पर बिश्नोई समाज का गौरव होता है। आप पर अपने पुत्र का अंतरजातीय विवाह करने का सत्य आरोप है। जिससे संपूर्ण बिश्नोई समाज में भारी रोष है। ऐसी स्थिति में इस पर नहीं रह सकते। आपको अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद से पदमुक्त किया जाता है।