उत्तराखंडराज्य

चीन सीमा से सटे जादूंग गांव में 10 करोड़ से बनेगा मेला स्थल, पहले चरण में छह होमस्टे तैयार

चीन सीमा से लगे जादूंग गांव में होम स्टे के साथ ही 10 करोड़ की लागत से मेला स्थल का निर्माण होगा। इसके लिए पर्यटन विभाग ने कंसलटेंट एजेंसी के माध्यम से डीपीआर तैयार करवा रहा है। मैदान बनने से जाड़ समुदाय के लोग जादूंग में अपने रीति-रिवाज और संस्कृति से जुड़े लोकोत्सवों का आयोजन कर सकेंगे।

बता दें कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमावर्ती जादूंग गांव में पहले चरण में इसी साल सितंबर से छह होमस्टे का निर्माण शुरू हुआ है। सभी होम स्टे पहाड़ी शैली में तैयार किए जा रहे हैं, जो वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के चलते खाली करवाए गए जादूूंग गांव के मूल निवासियों को सौंपने हैं।

वहीं, अब इन होमस्टे के साथ वहां पर मेला स्थल के निर्माण की कवायद की भी जा रही है। मैदान बनने से जाड़ समुदाय के लोगों को अपने रीति-रिवाज और संस्कृति से जुड़े लोकोत्सवों के आयोजन के लिए जगह की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा। कार्यदायी संस्था जीएमवीएन के सहायक अभियंता डीएस राणा का कहना है कि तीन माह में छह में से तीन होमस्टे की नींव का निर्माण पूरा कर लिया गया है। चौथे होमस्टे की नींव निर्माण का काम जारी है। होमस्टे के साथ मैदान का निर्माण प्रस्तावित है। यह निर्माण करीब 10 करोड़ की लागत से होना है। इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा आईएनआई कंसलटेंट कंपनी के माध्यम से विस्तृत कार्ययोजना तैयार करवाई जा रही है।

जीएमवीएन के सहायक अभियंता डीएस राणा ने बताया, 21 सितंबर से छह होमस्टे का निर्माण शुरू किया था। 30 नवंबर को गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट बंद होने के चलते यह काम अब 29 नवंबर को बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद अगले साल जून में दोबारा शुरू किया जाएगा।

दूसरे चरण में 17 होमस्टे की भी बनाई जा रही डीपीआर

पर्यटन विभाग के अनुसार, दूसरे चरण में यहां 17 होमस्टे बनाए जाएंगे। इसके लिए डीपीआर तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। जादूंग में कुल 23 परिवार रहते थे। प्रत्येक के लिए होमस्टे बनाया जा रहा है। पहले चरण में छह होमस्टे बनने के बाद दूसरे चरण में 17 का काम शुरू हो जाएगा। हालांकि, इसके लिए जादूंग में तैनात आईटीबीपी की पोस्ट को भी स्थानांतरित करने की जरूरत होगी।

जादूंग में मेला मैदान के लिए डीपीआर तैयार करवाई जा रही है। इसके लिए जादूंग गांव के मूल निवासी जाड़ समुदाय के लोगों से भी बातचीत चल रही है। दूसरे चरण के लिए 17 होमस्टे निर्माण के लिए भी डीपीआर बनाई जा रही है।

-केके जोशी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, उत्तरकाशी

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