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बिटकॉइन पर दिख रहा डोनाल्ड ट्रंप का खुमार, पहली बार पहुंची एक लाख डॉलर के पार

दुनिया की सबसे बड़ी और चर्चित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पहली बार 1 लाख डॉलर के रिकॉर्ड स्तर के पार पहुंच गई। इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत है। राष्ट्रपति चुनाव से पहले बिटकॉइन 70 हजार डॉलर के नीचे थी, जो अब 1 लाख डॉलर के पार पहुंच गई है। यह फिलहाल 2.93 फीसदी उछाल के साथ 1,01,783.50 डॉलर के स्तर पर है।

दरअसल, ट्रंप ने संकेत दिया है कि बिटकॉइन से जुड़े रेगुलेशन में ढील देंगे। उन्होंने पॉल एटकिंस को प्रतिभूति और विनिमय आयोग का अगला चेयरमैन चुना है। एटकिंस बहुत अधिक नियामक पाबंदियां थोपने के पक्ष में नहीं रहते हैं। उनसे क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को भी काफी उम्मीदें हैं। यही वजह है कि बिटकॉइन की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है।

बिटकॉइन में जबरदस्त तेजी की वजह

बिटकॉइन का इतिहास तकरीबन 16 साल पुराना है। इस दौरान बिटकॉइन ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन, ऐसा लगता है कि अब यह मुख्यधारा में जगह पाने की कगार पर है। 2022 के अंत में 16,000 डॉलर से नीचे गिर गया था। वहां से बिटकॉइन की वापसी तेजी से हुई है। इसे जनवरी 2024 में यूएस लिस्टेड बिटकॉइन एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों की मंजूरी से बढ़ावा मिला है। इनमें ट्रंप की जीत के बाद से 4 अरब डॉलर से अधिक की रकम स्ट्रीम्ड हुई है।

ट्रंप खुद भी क्रिप्टोकरेंसी के दीवाने हैं

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में खुद डोनाल्ड ट्रंप की व्यक्तिगत दिलचस्पी है। उन्होंने सितंबर में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल नाम का क्रिप्टो वेंचर भी लॉन्च किया है। हालांकि, इसके कामकाज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Bakkt को खरीदने के लिए भी सौदेबाजी कर रहा है। इससे भी क्रिप्टो ट्रेडर्स का हौसला बढ़ रहा है।

बिटकॉइन माइनिंग सेक्टर में भी जबरदस्त बूम

बिटकॉइन में तेजी का असर इससे जुड़े सेक्टर में भी दिख रहा है। बिटकॉइन माइनिंग कंपनी MARA होल्डिंग्स के शेयर सिर्फ नवंबर में ही 65 फीसदी तक चढ़ गए। ब्लैकरॉक के बिटकॉइन ETF पर ऑप्शन ट्रेडिंग भी मजबूत रही है। कई एक्सपर्ट का मानना है कि अभी बिटकॉइन का सबसे बेहतरीन दौर आना बाकी है। यह अपनेआप में ही नई अर्थव्यवस्था बन सकती है।

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