श्रम सुधारों को लागू करने के लिए जल्द नियम बनाएं राज्य, संसद की एक स्थायी समिति ने पेश की रिपोर्ट
संसद की एक समिति ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चार श्रम संहिताओं (मजदूरी, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थितियां) को लागू करने के लिए नियम बनाने को कहा है।
श्रम, कपड़ा और कौशल विकास पर संसद की एक स्थायी समिति ने सोमवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार और कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने चार श्रम संहिताओं के तहत नियम पहले से प्रकाशित कर रखे हैं। समिति ने कहा कि श्रम संविधान की समवर्ती सूची में आता है और श्रम संहिताओं के तहत केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्यों सरकारों द्वारा भी नियम बनाए जाने की आवश्यकता है।
समिति ने कहा कि 2019/2020 में अधिसूचित चार श्रम संहिताओं को अभी तक लागू नहीं किया गया है। जबकि अधिकांश राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने इन संहिताओं के तहत मसौदा नियम पहले से प्रकाशित कर रखे हैं। हालांकि कुछ राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे भी हैं, जिन्होंने पहले से नियम प्रकाशित नहीं किए हैं। तीन दिसंबर तक तीन राज्यों (मेघालय, नागालैंड और बंगाल) और एक केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप वेतन संहिता, 2019 पर नियमों को पूर्व प्रकाशित नहीं किया है।
वहीं, मेघालय, बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, 2020 पर नियमों को पूर्व-प्रकाशित नहीं किया है। मेघालय, तमिलनाडु, बंगाल, लक्षद्वीप और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ने सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 पर नियमों को पूर्व-प्रकाशित नहीं किया है। समिति को इस बात से अवगत कराया गया कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मसौदा नियम जल्द ही तैयार हो जाएंगे।