राज्यहरियाणा

हिसार में सिटी बसों का रहा इंतजार, पूर्व कैबिनेट मंत्री कमल गुप्ता का ड्रीम प्रोजेक्ट अटका

हिसार के ग्रामीण रूटों पर बसों की कमी साल भर खलती रही। रोडवेज बसों की कमी के कारण लोग निजी वाहनों में खतरे भरा सफर करने को मजबूर हुए। इसके साथ ही निजी बस संचालकों की मनमानी का भी शिकार होना पड़ा।

सड़क एवं रेल सेवा के लिहाज से बीता साल उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। बहुप्रतिक्षीत सीटी बसों का इतंजार पूरी नहीं हो पाया वहीं, रेलवे स्टेशन पर अधूरा फुटओवर ब्रिज पूरा नहीं हो सका। इतना ही नहीं यात्रियों की वर्षों पुरानी मांग हिसार से चंडीगढ़ के लिए ट्रेन भी नहीं दौड़ पाई क्योंकि रेलवे ट्रैक के माध्यम से हिसार को सीधा चंडीगढ़ से नहीं जोड़ा जा सका। पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता का ड्रीम प्रोजेक्ट बस स्टैंड भी शिफ्ट नहीं हो पाया है। इस कारण लोगों को जाम से निजात नहीं मिल पाई। हिसार डिपो को तीन ही बसें मिल पाई हैं, जबकि पांच बसें कंडम हो गईं।

बस स्टैंड पर सिर्फ चार्जिंग प्वाइंट लग पाए
ई-सिटी बसों के लिए दो माह पहले वर्कशॉप में चार्जिंग प्वाइंट लगाया गया था, मगर अभी तक सिटी बसों के आने का इंतजार है। हालांकि रोडवेज की ओर से किराया से लेकर रूट तक फाइनल किया जा चुका है। पहले चरण में हिसार डिपो को पांच बसें मिलनी हैं। सिटी बस सेवा शुरू होती है तो लोगों को ऑटो व टेंपो चालकों की मनमानी का शिकार नहीं होना पड़ेगा, वहीं शहर में प्रदूषण भी कम होगा।

बजट के अभाव में अधूरा रहा एफओबी
बजट के अभाव में इस साल भी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को फुट ओवरब्रिज की सुविधा नहीं मिल पाई। अभी तक प्लेटफार्म नंबर-1 से प्लेटफार्म नंबर-3 तक ही फुट ओवरब्रिज बन पाया है। इस कारण यात्रियों को आगे के प्लेटफार्म तक सामान लेकर जाने में परेशानी होती है। हालांकि इसके फाउंडेशन का काम चल रहा है।

ग्रामीण रूटों पर बस सेवा से जूझते रहे यात्री
जिले के ग्रामीण रूटों पर बसों की कमी साल भर खलती रही। रोडवेज बसों की कमी के कारण लोग निजी वाहनों में खतरे भरा सफर करने को मजबूर हुए। इसके साथ ही निजी बस संचालकों की मनमानी का भी शिकार होना पड़ा। छात्राओं को लाने-ले जाने के लिए पिंक बसों का उपयोग इनके लिए न कर ग्रामीण रूटों पर लगा दिया गया।

जाम से नहीं मिली निजात
पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता का ड्रीम प्रोजेक्ट बस स्टैंड भी शिफ्ट नहीं हो पाया। ऐसे में लोगों को बस स्टैंड से लेकर नागोरी गेट तक जाम से निजात नहीं मिल पाई है। रोडवेज महाप्रबंधक डॉ. मंगल सैन की मानें तो बस स्टैंड शिफ्टिंग को लेकर अभी तक मुख्यालय से कोई पत्र नहीं मिला है।

बस स्टैंड पर खलती रही सुविधाएं
बस स्टैंड पर यात्री सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हो पाया। बैठने के लिए बैंच कम है। गर्मियों में राहत के लिए पखें पर्याप्त नहीं है। शौचालय में सफाई का माकूल इंतजाम नहीं हो सका और पीने के लिए साफ पानी की कमी खली।

प्रतिक्रिया
चंडीगढ़ से भिवानी तक एकता एक्सप्रेस चलती है। यह ट्रेन रात को ही भिवानी आ जाती है और कई घंटों तक खड़ी रहती है। ऐसे में इस ट्रेन को हिसार तक लाया जाए। हिसार से चंडीगढ़ के लिए सीधी कोई ट्रेन नहीं हैं। रेलवे अधिकारियों के सामने इस मांग को कई बार उठाया जा चुका है। उम्मीद है कि रेलवे इस ट्रेन का हिसार तक संचालन करेगा। -प्रोफेसर मनोज कुमार।

शहर में एक भी सिटी बस नहीं चली रही। जबकि यह लोगों की सबसे बड़ी डिमांड है। सिटी बसें नहीं होने के कारण ऑटो चालक मनमानी का किराया वसूल रहे हैं। ऐसे में जल्द से जल्द यात्रियों को सिटी बसों की सुविधा मिले। सिटी बसों में यात्रियों का सफर सुरक्षित रहेगा, वहीं किराया भी कम लगेगा। -अनूप कस्वां, हैंडबाल कोच।

रेलवे स्टेशन पर दो लिफ्ट लगी हुई हैं, जोकि कम हैं। यात्रियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। ऐसे में हर प्लेटफार्म पर लिफ्ट की सुविधा होनी चाहिए। खासतौर पर बुजुर्ग यात्रियों को फुट ओवरब्रिज पर चढ़ने और उतरने में परेशानी आती है। ऐसे में स्टेशन पर कम से कम चार लिफ्ट और लगवाई जाएं। -हिमांशु।

अभी तक बस स्टैंड शिफ्टिंग को लेकर मुख्यालय से कोई पत्र नहीं आया है। ई-सिटी बसों के लिए वर्कशॉप में चार्जर लग चुका है। जल्द ही यात्रियों को सिटी बसों का तोहफा मिलेगा। -डॉ. मंगल सैन, महाप्रबंधक, रोडवेज।

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