अन्तर्राष्ट्रीय

कांगो में गृहयुद्ध तेज, ‘तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाएं’; भारतीयों के लिए भी जारी हुई एडवाइजरी

रवांडा समर्थित एम23 विद्रोहियों ने पूर्वी कांगो के गोमा पर कब्जा कर लिया है और वे नियंत्रण क्षेत्र का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। लड़ाई के दौरान गोमा और उसके आसपास 773 लोग मारे गए।
हालात को देखते हुए कांगो के किशासा में भारतीय दूतावास ने रविवार को अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में बुकावु में सभी भारतीय नागरिकों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।

आपातकालीन योजना तैयार करने की भी सलाह
कांगो में लगभग 1,000 भारतीय नागरिक हैं। एम23 के बुकावु से केवल 20-25 किलोमीटर दूर होने की खबरें हैं। बुकावु में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों को सलाह है कि वे हवाई अड्डों, सीमाओं और वाणिज्यिक मार्गों से होते हुए जो भी उपलब्ध साधन हों, तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। आपातकालीन योजना तैयार करें। हर समय आवश्यक पहचान और यात्रा दस्तावेज साथ रखें। दवा, कपड़े, यात्रा दस्तावेज, खाने के लिए तैयार भोजन, पानी जैसी वस्तुएं एक बैग में रखें जिससे सुविधा हो। इसके साथ ही हर अपडेट के लिए स्थानीय मीडिया चैनलों पर नजर रखें।

भारतीय दूतावास ने यह भी कहा कि वह बुकावु में भारतीय नागरिकों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहा है और उनसे तत्काल प्रासंगिक जानकारी जैसे पूरा नाम, पासपोर्ट नंबर, कांगो और भारत में पते, संपर्क नंबर और अन्य विवरण भेजने के लिए कहा है। नए परामर्श में भारतीय नागरिकों के लिए एक नंबर (+243 890024313) और एक मेल आईडी (cons.kinshasas@mea.gov.in) भी दी गई है, जिससे वे आपातकालीन स्थिति में संपर्क कर सकें।

कांगो में गृहयुद्ध में मारे गए 773 लोग
कांगो के पूर्व में मौजूद सबसे बड़े शहर गोमा और आसपास के क्षेत्रों में एम23 विद्रोहियों के साथ संघर्ष तेज हो गया है। संघर्ष में एक हफ्ते के भीतर कम से कम 773 लोग मारे गए। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, एम23 विद्रोही समूह व रवांडा रक्षा बल (आरडीएफ) ने बुकावु शहर की ओर अपना मार्च जारी रखा है, जिन्होंने इस हफ्ते की शुरुआत में प्रांतीय राजधानी गोमा पर नियंत्रण कर लिया था।

बता दें कि एम23 पूर्वी कांगो में सक्रिय 100 से अधिक सशस्त्र समूहों में से एक है, जो वैश्विक प्रौद्योगिकी के लिए आवश्यक खनिजों से समृद्ध क्षेत्र है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के अनुसार समूह को लगभग 4,000 रवांडा सैनिकों का समर्थन प्राप्त है।

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