क्रैश हुए स्विगी के शेयर, जानिए किस वजह से आई भारी गिरावट
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फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी सेक्टर की दिग्गज कंपनी स्विगी के शेयर गुरुवार को 8 फीसदी तक गिर गए। इसकी वजह कंपनी के उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजे हैं। स्विगी ने 31 दिसंबर, 2024 को खत्म तिमाही के लिए बुधवार को नतीजे जारी किए।
स्विगी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही के दौरान उसका घाटा बढ़कर 799.08 करोड़ रुपये हो गया है। इससे बीएसई पर शेयर 7.43 फीसदी गिरकर 387 रुपये पर आ गया। एनएसई पर यह 7.84 फीसदी फिसलकर 385.25 रुपये पर आ गया। ये स्विगी के शेयरों का एक साल का सबसे निचला स्तर है।
स्विगी का रिजल्ट कैसा रहा?
स्विगी का दिसंबर तिमाही में घाटा बढ़कर 799.08 करोड़ रुपये हो गया है। यह एक साल पहले 574.38 करोड़ रुपये था। वहीं, समीक्षाधीन अवधि में कुल खर्च बढ़कर 4,898.27 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 24 में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान 3,700 करोड़ रुपये था। कंपनी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि ऑपरेशन से रेवेन्यू 3,048.69 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,993.06 करोड़ रुपये हो गया।
खासकर, स्विगी का कुल सकल ऑर्डर मूल्य (GOV) साल-दर-साल (YoY) 38 प्रतिशत बढ़कर 12,165 करोड़ रुपये हो गया।
सेवाओं के विस्तार पर फोकस
स्विगी के एमडी और ग्रुप सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने कहा, “हमने त्योहारी तिमाही के दौरान उपभोक्ता के लिए सेगमेंट के हिसाब से ऑफर देने पर फोकस करना जारी रखा। इससे हमें भरोसा है कि खपत के नए अवसर पैदा होंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि फूड डिलीवरी मार्जिन और कैश-फ्लो जेनरेशन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसे क्विक-कॉमर्स में किए जा रहे निवेशों के साथ संतुलित रखा गया है। इसमें डार्क स्टोर्स के विस्तार और मार्केटिंग पर ध्यान दिया जा रहा है, खासकर निकट भविष्य में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए।
स्विगी के शेयरों का क्या हाल है?
स्विगी का आईपीओ पिछले साल नवंबर में आया था। यह मामूली लिस्टिंग गेन के साथ लिस्ट हुई थी। हालांकि, इसमें बाद में अच्छी तेजी देखी गई और इसने 617.30 रुपये का अपना ऑल टाइम भी बनाया। लेकिन, वहां से गिरावट का जो सिलसिला शुरू हुआ, वो अब तक नहीं थमा है।इस साल यानी 2025 में अब तक स्विगी के शेयर 27.17 फीसदी तक गिर चुके हैं। अगर किसी निवेशकों ने स्विगी के शेयरों को आईपीओ से होल्ड कर रखा होगा, वह अब 13 फीसदी से अधिक के नुकसान में होगा।