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लव ट्रायंगल, एक लड़की की खुदकुशी; 10 साल तक चला केस फिर भी दोषी कोई नहीं! 

तमिलनाडु के कट्टंकुलाथुर शहर में एक 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा सुमित्रा की आत्महत्या के मामले में दो युवकों को रिहा कर दिया गया।

14 जुलाई 2014 को सुमित्रा ने अपनी जान दे दी थी। सुमित्रा के मंगेतर एम आनंदन और करीबी दोस्त के इलैयाराजा पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था। लगभग दस सालों तक आत्महत्या का मुकदमा चलने के बाद सबूतों के अभाव की वजह से दोनों युवकों को बरी कर दिया।

लव ट्रायंगल का था मामला?  

दरअसल, मामला लव ट्रायंगल (प्रेम त्रिकोण) का था, जिसमें दो युवक एक ही लड़की से प्यार करते थे।  सुमित्रा एक प्राइवेट कॉलेज में फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। वो अपने रूम में मृत पाई गई थी। उसकी मौत से पहले मंगेतर आनंदन और दोस्त इलैयाराजा के बीच तीखी बहस हुई थी। आनंदन और सुमित्रा दोनों क्लासमेट (सहपाठी) थे। वहीं, सुमित्रा ने इलैयाराजा का प्यार वाला प्रपोजल ठुकरा दिया था। हालांकि, सुमित्रा और लैयाराजा में बातचीत होती थी।

रूम में मृत पाई गई सुमित्रा

13 जुलाई की रात कॉलज के पास आनंदन और इलैयाराजा के बीच गरमागरमी बहस हुई। लोगों को बीच-बचाव करना पड़ा। उस रात दोनों ने सुमित्रा को बार-बार फोन किया। बताया जाता है कि फोन आधी रात से सुबह 6 बजे तक आते रहे। अगली सुबह सुमित्रा मृत पाई गई। पुलिस ने 23 साल के आनंदन और 24 साल के इलैयाराजा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया। चेंगलपट महिला अदालत में मुकदमा चला।

कोर्ट में सुमित्रा के पिता ने क्या कहा?

हालांकि, सुमित्रा के पिता ने कोर्ट में कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनकी बेटी ने आत्महत्या क्यों की। इस बयान ने अभियोजन पक्ष की एक मजबूत गवाह, सुमित्रा की दोस्त वैशाली ने कोर्ट ने इस बात से इनकार कर दिया कि उसने दोनों युवकों द्वारा दबाव डालने की बात कही थी।

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