राष्ट्रीय

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों को पंजाब में ही क्यों उतारा? 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों की फ्लाइटों को अमृतसर में उतारने पर आपत्ति जताने के बाद सरकारी सूत्रों ने बुधवार को इस फैसले का समर्थन किया। तर्क दिया कि निर्वासित किए गए लोगों में सबसे अधिक संख्या पंजाब के लोगों की ही है।

पांच फरवरी से अब तक भारत में आई तीन उड़ानों के आंकड़े साझा करते हुए उन्होंने बताया कि अमेरिकी सैन्य विमानों से आए निर्वासित 333 लोगों में से 126 पंजाब के निवासी थे। इसके बाद हरियाणा से 110 और गुजरात से 74 लोग थे। इसके अलावा इनमें उत्तर प्रदेश के आठ, महाराष्ट्र के पांच, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान और गोवा के दो-दो और जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के एक-एक व्यक्ति थे।

हर विमान में 100 से अधिक भारतीय किए गए डिपोर्ट

पांच, 15 और 16 फरवरी को आई तीनों उड़ानों में प्रत्येक में 100 से अधिक भारतीय आए हैं। इन 333 निर्वासितों में 262 पुरुष, 42 महिलाएं और 29 नाबालिग शामिल हैं। मई 2020 से अब तक 21 उड़ानें भारतीय निर्वासितों को लेकर देश में आई हैं और सभी अमृतसर में उतरी हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद अवैध प्रवासियों पर सख्ती की है। इसी के तहत तीन सैन्य विमान भारत में निर्वासितों को लेकर आए हैं।

पवित्र शहर अमृतसर में लैंडिंग पर सीएम मान ने जताई थी आपत्ति

पहली उड़ान के पांच फरवरी को उतरने के बाद सीएम भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर पंजाब को बदनाम करने की कोशिश का आरोप लगाया था और कहा था कि अमृतसर जैसे पवित्र शहर को निर्वासन केंद्र नहीं बनाया जाना चाहिए।इस उड़ान में पंजाब से 30, हरियाणा और गुजरात से 33-33 निर्वासित थे। उन्होंने फिर हमला जारी रखते हुए मंगलवार को कहा था कि यदि निर्वासितों को लेकर एक और अमेरिकी विमान भारत आता है तो वह उनके द्वारा उठाई गई कड़ी आपत्तियों के बाद राज्य में नहीं उतर सकता। दूसरी उड़ान में पंजाब के 65, हरियाणा के 33 और गुजरात के आठ निर्वासित थे। तीसरी उड़ान में यह संख्या क्रमश: 31, 44 और 33 थी।

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