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राजस्थान: सदन में हंगामे के दौरान स्पीकर वासुदेव देवनानी हुए भावुक

राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को काफी हंगामा देखने को मिला। इसी दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी अपनी बात रखते हुए भावुक नजर आए। उन्होंने कांग्रेस के विधायकों पर आसन के अपमान का आरोप लगाया है।

राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को सियासी घमासान देखने को मिला। जब सदन के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर अपमानजनक व्यवहार करने और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया। इस दौरान देवनानी इतने भावुक हो गए कि सदन में उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। देवनानी बोले, मैंने कभी पक्षपात नहीं किया, फिर भी आरोप लगते हैं।

भावुक होते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा, मैं भी पांच बार से सदन का सदस्य हूं, लेकिन मैंने कभी ऐसे शब्द नहीं सुने। मैंने कभी पक्षपात नहीं किया, फिर भी मुझ पर इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, यह बेहद दुखद है। देवनानी ने आगे कहा कि अगर इस तरह की भाषा का उपयोग होता रहेगा तो लोकतंत्र का क्या होगा? उन्होंने डोटासरा के आचरण पर सवाल उठाते हुए कहा, मुझे भी लगता है कि वह विधायक बनने के योग्य नहीं हैं। लेकिन इसका निर्णय सदन को करना है।

इंदिरा गांधी पर टिप्पणी को लेकर सदन में गतिरोध
विधानसभा में गतिरोध की जड़ केंद्र सरकार की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी है, जिसे लेकर कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। सरकार के एक मंत्री द्वारा इंदिरा गांधी पर विवादित बयान देने के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा किया, जिससे सत्र बाधित हुआ। इस विवाद के बीच कांग्रेस के कुछ विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। लेकिन बुधवार को उन्होंने जबरन विधानसभा में घुसने की कोशिश की। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और कांग्रेस विधायकों के बीच धक्का-मुक्की भी देखने को मिली।

डोटासरा का दावा : स्पीकर की कोई अहमियत नहीं मानी जा रही
इस पूरे विवाद पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर हमला बोलते हुए बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने उनसे कहा था, हमारा स्पीकर तो जैसा है वैसा है, यह कोई भी काम की बात नहीं मानेगा। डोटासरा ने आगे कहा कि सरकार के भीतर ही मतभेद हैं और उनकी व्यक्तिगत माफी को लेकर कोई सहमति नहीं बनी थी।

कांग्रेस का विधानसभा के बाहर धरना
निलंबन की कार्यवाही के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने बुधवार को विधानसभा के बाहर करीब एक घंटे तक धरना दिया। कांग्रेस का कहना है कि यह निलंबन अन्यायपूर्ण है और सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं का हनन कर रही है। इस घटना के बाद राजस्थान की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है। जहां भाजपा सरकार कांग्रेस पर सदन की मर्यादा भंग करने का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस इसे सरकार की असहिष्णुता करार दे रही है।

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