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सीओ सज्जन सिंह ने कहा कि अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से तीन नाबालिग हैं, जिन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया है। पुलिस की कार्रवाई में तेजी आई है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
ब्यावर जिले के बिजयनगर ब्लैकमेल कांड एक गंभीर और शर्मनाक घटना है, जिसने पूरे क्षेत्र में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। इस मामले में अजमेर पॉक्सो कोर्ट में पांच आरोपियों को पेश किया गया। इनमें पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी, कैफे संचालक श्रवण और आशिक, करीम और बुधवार रात गिरफ्तार किए गए जावेद शामिल हैं।
आरोपियों को कोर्ट में लंगड़ाते हुए देखा गया, जिससे यह महसूस होता है कि वे न्यायिक प्रक्रिया के दौरान पेश किए गए हैं। अदालत ने पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी को पांच दिन के रिमांड पर भेजा, जबकि बाकी चार आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दिया।
इस मामले में पुलिस ने अब तक कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है। पुलिस ने बुधवार रात को जावेद को गिरफ्तार किया, जो पहले भी बच्चियों को कॉल करके उन्हें परेशान करता था। जावेद का नाम मामले में हाल ही में सामने आया है और उसे एक आरोपी के तौर पर कोर्ट में पेश किया गया है।
पुलिस के अनुसार, इस मामले में मुख्य आरोपियों में से कई पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। 25 फरवरी को लुकमान, सोहेब (20), सोहेल मंसूरी (19), रिहान मोहम्मद (20) और अफराज (18) को अजमेर कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया था। मामले की जांच में यह सामने आया है कि आरोपी लड़की को स्कूल जाते समय रास्ते में रोकते थे और उसे अपने साथ कैफे और होटलों में जाने के लिए मजबूर करते थे। वे लड़की से रोजा रखने और कलमा पढ़वाने का दबाव डालते थे।
आरोपी इस तरह से लड़की को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने अपने कृत्य को छिपाने के लिए लड़की से कुछ आपत्तिजनक और शोषण पूर्ण गतिविधियों को करने के लिए दबाव डाला, जिससे वह पूरी तरह से परेशान हो गई थी।
इस मामले में आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग अब जोरों पर है। इस मांग के समर्थन में 1 मार्च को अजमेर बंद का एलान किया गया है, जिसमें शहर में सिर्फ मेडिकल सेवाओं को चालू रखने की अनुमति दी जाएगी। यह बंद इस मुद्दे के प्रति जनता की नाराजगी और न्याय की इच्छा को दर्शाता है। यह घटना इस बात का भी संकेत है कि समाज में इस तरह के अपराधों के प्रति और कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
इस पूरे मामले पर सीओ सज्जन सिंह ने कहा कि अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से तीन नाबालिग हैं, जिन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया है। पुलिस की कार्रवाई में तेजी आई है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। इसके अलावा, जांच के दौरान यह भी पता चला है कि आरोपी पहले से ही इस तरह के कृत्यों में लिप्त थे, लेकिन इस बार उनकी गतिविधियों ने उन्हें कानून के शिकंजे में फंसा दिया है।