उत्तरप्रदेशराज्य

यूपी: विधान परिषद में गूंजा शिक्षक तबादला मामला, 88 आवेदन… ट्रांसफर सिर्फ चार

शिक्षकों के तबादले का मामला विधान परिषद में गूंजा। 88 आवेदन के सापेक्ष सिर्फ चार ट्रांसफर पर प्रश्न प्रहर के दौरान विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा।

राजधानी लखनऊ स्थित विधान परिषद में सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में ट्रांसफर के लिए आए 88 आवेदनों में से सिर्फ चार शिक्षकों के तबादलों पर सवाल उठे। भाजपा के ही देवेंद्र प्रताप सिंह ने प्रश्न प्रहर में कहा कि सिर्फ इतना बता दिया जाए कि शेष मामलों में कब तक निर्णय ले लिया जाएगा।

इस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्थानांतरण नियमावली 2024 जारी की गई थी। सभी आवेदन एकल ट्रांसफर के लिए हैं, कोई भी आवेदन पारस्परिक स्थानांतरण के लिए नहीं है। छात्र हित में बीच सत्र में तबादले नहीं किए गए। अगले एक माह में परीक्षण पूरा हो जाएगा, जो उचित होगा, निर्णय ले लिया जाएगा।

जब उच्च शिक्षामंत्री ने सदन में जताया खेद
प्रश्न प्रहर में ही ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने एडेड महाविद्यालयों में 80 वर्ष से अधिक उम्र के पेंशनरों की अतिरिक्त पेंशन का मामला उठाया। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि शासनादेश का परीक्षण कराकर उसके मंतव्य का एक माह के भीतर पालन करा देंगे।

त्रिपाठी ने एक ट्रांसफर के मामले में उच्च शिक्षा मंत्री के सदन में सही जानकारी न देने का मामला उठाया। इस पर मंत्री ने खेद प्रकट करते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। सपा के डॉ. मान सिंह यादव ने नमामि गंगे विभाग में कोविड के दौरान मृत कार्मिकों के आश्रितों को नौकरी न देने का मुद्दा उठाया।

वित्तविहीन शिक्षकों के लिए सुविधाओं की मांग
ध्रुव त्रिपाठी ने बलिया के गांव पिपरसंडा में खेल मैदान का मुद्दा उठाया। साथ ही उन्होंने माध्यमिक के वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा शर्तें तय न होने का मामला भी उठाया। माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि वित्तविहीन शिक्षकों का वेतन कुशल श्रमिक के लिए निर्धारित राशि से कम नहीं होगा।

प्रबंधतंत्र अपने स्रोतों से भुगतान करेगा। भाजपा के देवेंद्र प्रताप सिंह ने मऊ के दोहरीघाट ब्लॉक में भ्रष्टाचार का मामला उठाया। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस मामले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। ब्लॉक प्रमुख पर भी नियमानुसार कार्रवाई होगी।

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