‘युद्धविराम लागू होने पर ही अमेरिकी-इस्राइली बंधक को रिहा करेंगे’, हमास समझौता करने का बना रहा दबाव

हमास दूसरे चरण के युद्धविराम समझौते के लिए इस्राइल पर दबाव बना रहा है औऱ इसी के तहत उसने शनिवार को कहा है कि अगर युद्धविराम समझौता लागू होगा, तभी वे एक अमेरिकी-इस्राइली बंधक को रिहा करेंगे। वहीं जहां एक तरफ हमास युद्धविराम समझौते पर दबाव बना रहा है, वहीं इस्राइल ने भी अपने तरीके से दबाव बनाना शुरू कर दिया है। हमास का आरोप है कि इस्राइल ने शनिवार को गाजा में हवाई हमला किया, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई। इस्राइल का कहना है कि वे संदिग्ध आतंकी थे, वहीं हमास का दावा है कि मरने वालों में स्थानीय पत्रकार और चिकित्सा कर्मी शामिल थे।
हमास ने रखीं ये मांगें
हमास के एक शीर्ष नेता ने कहा कि युद्धविराम समझौते के दूसरे चरण की शुरुआत बंधकों की रिहाई से होगी और यह 50 दिन से ज्यादा नहीं चलना चाहिए। साथ ही हमास ने मांग की कि इस्राइल गाजा में राशन और अन्य जरूरत के सामान की आपूर्ति को फिर से शुरू करे। हमास ने गाजा और मिस्त्र की सीमा पर रणनीतिक तौर पर अहम जगह से भी इस्राइली सेना की वापसी की मांग की है। हालांकि इस्राइल इससे साफ इनकार कर चुका है और उनका कहना है कि वे यहां से हथियारों की तस्करी पर रोक जारी रखेंगे। हमास ने बंधकों के बदले में फलस्तीनी कैदियों को भी रिहा करने की मांग उठाई है।
हमास की कैद में जो बंधक बचे हुए हैं, उनमें 21 साल का इडन एलेक्जेंडर भी शामिल है। इडन अमेरिका के न्यूजर्सी में पला-बढ़ा है। 7 अक्तूबर के हमले के दौरान हमास के आतंकियों ने उसे मिलिट्री बेस से अगवा किया था। अब हमास की कैद में इडन ही एकमात्र अमेरिकी इस्राइली नागरिक बंधक है। हमास के पास अभी भी 59 बंधक हैं, जिनमें से 35 मृत हो सकते हैं। वहीं इस्राइल में बंधकों के परिजन सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वे युद्धविराम समझौता करें। इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा है कि वे मध्यस्थों से युद्धविराम समझौते पर बात करने की तैयारी कर रहे हैं।
हवाई हमले में 9 की मौत
शनिवार को इस्राइल के दो हवाई हमलों में गाजा के बेत लाहिया में कम से कम नौ लोगों की मौत हुई है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। फलस्तीन के एक वॉचडॉग जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन सेंटर का कहना है कि हवाई हमले में तीन फलस्तीनी पत्रकार मारे गए हैं। साथ ही चिकित्साकर्मी और ड्रोन संचालक मारे गए हैं। वहीं इस्राइल का कहना है कि हमले में मारे गए लोग संदिग्ध आतंकी थे।