PPF में 3000, 6000 और 9000 रुपये निवेश कर 15 सालों में कितना बनेगा फंड

पीपीएफ सुरक्षित निवेश का बेहतरीन विकल्प है। एक अच्छा पोर्टफोलियो उसे ही माना जाता है। जिसमें सुरक्षित और असुरक्षित दोनों ही तरह के निवेश शामिल हो। ताकि सुरक्षित निवेश का गारंटी रिटर्न और असुरक्षित निवेश से मिलने वाला तगड़े लाभ का फायदा मिले।
पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड निवेशकों के बीच काफी पॉपुलर है। इसमें निवेश कर भविष्य के लिए मोटा फंड तैयार कर सकते हैं। चलिए इसकी पूरी कैलकुलेशन समझते हैं।
15 साल में कितना बनेगा फंड?
पीपीएफ में आमतौर पर निवेशक 15 साल के लिए निवेश करते हैं। वहीं इसमें पैसे जमा कर, निवेशकों को सेक्शन 80 सी का लाभ भी मिल जाता है। इस तरह से निवेश के साथ टैक्स सेविंग भी पूरी हो जाती है। अगर आप भी पीपीएफ में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसकी कैलकुलेशन को समझना जरूरी है।
3000 रुपये निवेश
अगर कोई निवेशक हर महीने पीपीएफ में 3000 रुपये निवेश करता है, तो उसे 15 सालों बाद 4,36,370 रुपये रिटर्न में मिलेंगे। पीपीएफ में अभी 7.1 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है। इसके साथ ही आपका कुल फंड 9,76,370 रुपये होगा। इस तरह से आप लगभग 1 लाख रुपये तक जमा कर लेंगे।
6000 रुपये निवेश
अगर पीपीएफ में हर महीने 6000 रुपये निवेश किया जाता है। तो 7.1 फीसदी रिटर्न के हिसाब से 15 सालों में आपको 8,72,740 रुपये तक का रिटर्न मिल जाएगा। वहीं आपका कुल फंड 19,52,740 रुपये होगा। इन पैसों का उपयोग आप रिटायरमेंट लाइफ को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं। या बच्चे की उच्च शिक्षा में निवेश भी कर सकते हैं।
9000 रुपये निवेश
अगर कोई व्यक्ति हर महीने पब्लिक प्रोविडेंट फंड में 9000 रुपये निवेश करता है। तो 15 साल बाद, 7.1 फीसदी रिटर्न के हिसाब से आपको 13,09,111 रुपये रिटर्न के रूप में मिलेंगे। वहीं आपका कुल फंड 29,29,111 रुपये होगा।
इस तरह से अगर हर महीने निवेश होने वाली राशि को बढ़ाया जाए, तो रिटर्न में मिलने वाली राशि भी बढ़ेगी। वहीं इसमें आपके पैसे का डूबने का डर नहीं रहता। इसके साथ ही मौजूदा समय में मिलने वाला रिटर्न, कई बैंक की एफडी ब्याज दर से ज्यादा है।
पीपीएफ में आप पोस्ट ऑफिस या बैंक के जरिए निवेश कर सकते हैं। इसके साथ ही आप कुछ अमाउंट म्यूचुअल फंड में निवेश कर पोर्टफोलियों बैलेंस भी कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में आपको पीपीएफ से ज्यादा रिटर्न मिल जाता है। हालांकि ये रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर होता है।