बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर अत्याचार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ताजा घटना में दिनाजपुर जिले में हिंदू नेता भबेश चंद्र का अपहरण कर लिया गया और बेरहमी से पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी गई।
हिंदू प्रधानाध्यापक को त्यागपत्र देने के लिए मजबूर किया
वहीं, एक अन्य घटना में हिंदू प्रधानाध्यापक कांतिलाल आचार्य को बंधक बनाकर उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देने के लिए मजबूर कर दिया गया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, भबेश चंद्र अपने इलाके में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता थे। वह बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष भी थे।
दो मोटरसाइकिलों आए लोगों ने अपरहरण कर लिया
उनकी पत्नी शांतना राय ने कहा कि गुरुवार को चार लोग दो मोटरसाइकिलों पर आए और भबेश का उनके घर से अपहरण कर लिया। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने हमलावरों को भबेश को नरबारी गांव ले जाते हुए देखा, जहां उन्हें बेरहमी से पीटा गया।
उसी दिन हमलावरों ने भबेश को एक वैन में लाकर उनके घर पर छोड़ दिया। उस समय वह बेहोश थे। उन्हें तुरंत बिराल उपजिला स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। इसके बाद उन्हें दिनाजपुर मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बीएनपी कार्यकर्ताओं ने हेडमास्टर को पीटा
चटगांव के भटियारी हाजी तोबारक अली चौधरी हाई स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाध्यापक कांतिलाल आचार्य को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और उसके सहयोगी संगठनों के सदस्यों ने भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाकर पीटा और अपने पद से त्यागपत्र देने के लिए मजबूर कर दिया।
प्रधानाध्यापक की बेटी भावना आचार्य ने इंटरनेट मीडिया पर आरोप लगाया कि उनके पिता को कोई आरोप साबित किए बगैर पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। भावना ने लिखा, इस घटना से पहले मेरे पिता को स्कूल जाने से मना किया गया था।
स्कूल में किया गया अपमानित
उनसे कहा गया था कि अगर वह स्कूल गए तो उन्हें अपमानित किया जाएगा। इसके जवाब में मेरे पिता ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और कोई अपराध नहीं किया है।